राजेश शर्मा, कीकली रिपोर्टर, 3 अक्टूबर, 2016, शिमला
लोगों को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए निकाली रैली जवाहर नवोदय विद्यालय ठियोग के प्रांगण में गांधी जयंती के अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गए। सबसे पहले विद्यालय के स्काउट एंड गाइड, एन.एस.एस. व एन.सी.सी. के छात्र-छात्राओं द्वारा स्काउट मास्टर दिनेश, गाइड कप्तान नीलकमल नेगी व एन.एस.एस. प्रभारी राकेश सोनी के नेतृत्व में स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के लिए रैली निकाली गई। इसके बाद विद्यालय की छात्राओं द्वारा प्रस्तुत ‘वैष्णव जन को तेने कहिये’ भजन ने समस्त उपस्थित लोगों का मन मोह लिया। इसके बाद विद्यालय के प्राचार्य सुमन कुमार द्वारा महात्मा गांधी व लाल बहादुर शास्त्री के जीवन के विभिन्न पहलुओं से अच्छे गुणों को अपने जीवन में आत्मसात करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने महात्मा गाँधी की जीवन शैली को प्रेरणा स्रोत बताते हुए, स्वयं के प्रति सत्यवादी होने को जीवन की अंतिम जीत बताया।
इस अवसर पर शिक्षा में कला के अंतर्गत विद्यालय में ‘हरित भारत व स्वस्थ भारत’ विषय पर आयोजित कार्यशाला के अंतर्गत हितेश भार्गव के निर्देशन में एस. आर. हरनोट द्वारा लिखित नाटक ‘आभि’ का सफल प्रस्तुतीकरण किया गया जिसमें हिमाचल प्रदेश के कल्लू जिले में अवस्थित श्रयोसर झील के निकट पाए जाने वाली आभि चिडिय़ा के रूप में कृतिक, सेजल व अमीषा के साथ निवेदिया, योगिता, वेद मोरे, संजय, प्रज्वल, अनामिका का अभिनय सराहनीय रहा। इस नाटक के माध्यम से समस्त छात्र- छात्राओं, शिक्षक-शिक्षिकाओं व सुदूर क्षेत्र से आये अभिभावकों को प्रकृति के संरक्षण के प्रति जागरूक किया गया। नाटक के सफल आयोजन में कार्यशाला प्रभारी संगीत शिक्षक ऋषि राज, हिंदी शिक्षिका नीना व कला अध्यापक अरुण तोमर का योगदान सराहनीय रहा। उल्लेखनीय है कि यह नाटक जैन विश्वविद्यालय के सनातक पाठ्यक्रम में शामिल है।
इसी मंच पर गतिनिर्धारक क्रिया के अंतर्गत राजकीय स्नातक महाविद्यालय ठियोग के छात्र-छात्राओं द्वारा देवकन्या ठाकुर द्वारा लिखित प्रख्यात नाटक ‘हेसण’ का भी मंचन किया गया जिसके माध्यम से समाज में व्याप्त कुरूतियों के प्रति जागरूक करने का प्रयास किया गया। इस नाटक में हेसण के किरदार में सोनिया ने सबको भावविभोर कर दिया। साथ ही रोहित व मीनाक्षी का अभिनय भी काबिले तारीफ रहा। कार्यक्रम के अंत में उप-प्राचार्या कामना गुप्ता ने धन्यवाद् ज्ञापित करते हुए, बच्चों को गांधी जी व लाला बहादुर शास्त्री की तरह सच्चाई के मार्ग पर चलने का आह्वान किया।