कीक्ली रिपोर्टर, 1 सितम्बर, 2016, शिमला
जिला प्रशासन शिमला के महत्वकांक्षी कार्यक्रम ‘पहल’ के सकारात्मक परिणाम सामने आ रहे हैं। उपायुक्त शिमला रोहन चंद ठाकुर ने बताया कि प्रेरणा कार्यक्रम के आरंभ होने के बाद लगभग तीन महीने की अवधि में प्राथमिक स्कूलों के चैथी और पांचवी कक्षा के छात्रों की अभिव्यक्ति, योग्यता और तर्क शक्ति में उल्लेखनीय सुधार आया है। उन्होंने बताया कि गणित और हिन्दी विषयों में छात्रों की योग्यता को और अधिक बढ़ाने के लिए 7 विकास खंडों के 100 चयनित स्कूलों में गतिविधि आधारित 45 दिन का बहुआयामी शिक्षण कार्यक्रम आरंभ किया और स्कूलों का नियमित रूप से निरीक्षण सुनिश्चित किया गया। इस कार्यक्रम के परिणाम बहुत ही उत्साहजनक हैं।
जब प्रेरणा कार्यक्रम आरंभ किया गया, उस समय हिन्दी विषय में चैथी कक्षा के बच्चों की कहानी पढ़ने की क्षमता 48 फीसदी थी, जो कि अब बढ़कर 66 फीसदी हो चुकी है और पांचवी कक्षा के बच्चों की कहानी पढ़ने की क्षमता 63 फीसदी से बढ़कर 80 फीसदी हो चुकी है। पांचवी कक्षा के बच्चों की लिखने की क्षमता 31 फीसदी से बढ़कर 53 फीसदी हो गई है। वाक्य रचना करने में जहां चैथी कक्षा के छात्रों की क्षमता 18 फीसदी थी, वह बढ़कर 32 फीसदी हो चुकी है, जबकि पांचवी कक्षा के छात्रों की वाक्य रचना की क्षमता 35 फीसदी से बढ़कर 46 फीसदी हो चुकी है।
गणित विषय में चैथी कक्षा के छात्रों की अंक पहचान की क्षमता 68 फीसदी से बढ़कर 81 फीसदी हो गई है। पांचवी कक्षा के छात्रों की जमा करने की योग्यता 86 फीसदी से बढ़कर 94 फीसदी हो चुकी है। चैथी कक्षा के छात्रों की जमा करने में शाब्दिक सवाल क्षमता 40 फीसदी से बढ़कर 63 फीसदी हो चुकी है और पांचवी कक्षा के छात्रों की आंकिक घटाव करने की योग्यता 62 फीसदी से बढ़कर 83 फीसदी हो चुकी है।
प्रेरणा कार्यक्रम के अंतर्गत प्रथम चरण में बच्चों की गणित और हिन्दी विषयों में योग्यता को और बढ़ाने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। हिन्दी विषय के तहत अक्षर पहचान, शब्द पढ़ना, अनुच्छेद पढ़ना, कहानी पढ़ना, वाक्य विन्यास इत्यादि महत्वपूर्ण घटक सम्मिलित किए गए हैं, जबकि गणित विषय में जमा, घटाव, गुणा, भाग, भिन्न इत्यादि महत्वपूर्ण घटक शामिल किए गए हैं।
कार्यक्रम के तहत बच्चों को तीन वर्गों में विभाजित किया गया है, जिसमें प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्तर शामिल हैं और यह सारी प्रक्रिया गतिविधि आधारित है, ताकि छात्र खेल-खेल में इन दोनों ही विषयों में अपनी योग्यता का और अधिक विकास किया जा सके।
जिला परियोजना अधिकारी और स्वयं सेवी संस्था प्रथम के माध्यम से कार्यान्वित किए जा रहे ‘प्रेरणा’ कार्यक्रम में बच्चों के अभिभावकों और आमजन को भी सम्मिलित किया गया है। 27 अगस्त, 2016 को एक ‘आउटरीच कार्यक्रम’ का आयोजन किया गया, जिसके अंतर्गत इस कार्यक्रम की विशेषताओं पर गहन संवाद किया गया, ताकि इस कार्यक्रम को और गहनता से लागू किया जा सके।
जिला में पहल कार्यक्रम की सफलता के लिए इस कार्यक्रम की नियमित रूप से समीक्षा भी की जा रही है। प्रेरणा कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान आज अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी (कानून एवं व्यवस्था) जी सी नेगी, अतिरिक्त जिला दण्डाधिकारी (आतिथ्य) सुनील शर्मा, एसडीएम हेमिस नेगी, सहायक आयुक्त ईशा ठाकुर, राकेश कुमार विज्ञान सलाहकार शिक्षा विभाग, जिला परियोजना अधिकारी अशोक सोनी, समन्वयक प्रेरणा नीरज महाजन, प्रथम संस्था के प्रतिनिधि जोगेंद्र और अशोक शर्मा, आजीविका मिशन के प्रभारी नीरज महाजन और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।