स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आईजीएमसी), शिमला में नशा पीड़ितों को अब मानसिक रोगियों के साथ नहीं रखा जाएगा। सरकार इस दिशा में कदम उठाने जा रही है ताकि दोनों वर्गों को उचित और प्रभावी उपचार मिल सके।
यह घोषणा उन्होंने अंतरराष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर हिमाचल ज्ञान विज्ञान समिति द्वारा आयोजित कार्यक्रम में की। इस मौके पर ‘युवा बचाओ अभियान’ के तहत ‘द व्हाइट ट्रुथ’ नामक वेब सीरीज का ट्रेलर लॉन्च किया गया, जो नशे की गिरफ्त में आए युवाओं की कहानियों पर आधारित है। TFT प्रोडक्शन द्वारा निर्मित यह वेब सीरीज समिति के यूट्यूब चैनल पर उपलब्ध होगी।
डॉ. शांडिल ने कहा कि नशा व्यक्ति को सामाजिक, मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर कर देता है। उन्होंने चेतावनी दी कि प्रदेश में जिन नशा मुक्ति केंद्रों में अवैध गतिविधियां चल रही हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही, सरकार महिलाओं के लिए अलग नशा मुक्ति केंद्र खोलने पर विचार कर रही है, क्योंकि प्रदेश में नशा पीड़ित लड़कियों की संख्या में बढ़ोतरी हो रही है।
कार्यक्रम में नशा से बाहर निकल चुके पंकज नामक युवक ने अपनी आपबीती साझा करते हुए बताया कि वह छह साल तक चिट्टे का आदी था। उन्होंने कहा कि नशे से बाहर निकलना बेहद कठिन था, लेकिन परिवार के सहयोग और IGMC में इलाज की वजह से वह अब पूरी तरह ठीक हो चुका है।
इस अवसर पर अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी ज्योति राणा, पंकज शर्मा, देवी चंद ठाकुर, सेवानिवृत्त आईएएस एस.एन. जोशी, जिला कल्याण अधिकारी कपिल शर्मा, डॉ. ओपी बहुरिता, डॉ. ओपी कायथ और डॉ. रवि भूषण सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।




