December 8, 2025

Tag: रणजोध सिंह

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सुकून: एक लघुकथा

रणजोध सिंह रमेश समय से पंद्रह मिनट पहले ही बस स्टॉप पहुंच गया था ताकि बस में उसे बैठने का स्थान मिल सके| यद्यपि...

जनाना री रोटी (पहाड़ी संस्करण): रणजोध सिंह

सारा पंडाल दर्शकां या फेरी भक्तजना ने पुरी तरह भरीरा था| स्वामी जी चिट्टे कपड़े पैनी ने, मथे पर चंदन-रोलीया रा टीका लगाई ने...

चालान: रणजोध सिंह की कहानी

प्रोफेसर मदन अपनी निजी कार में मुन्नी बेगम की गज़लें सुनते हुए घर से कॉलेज जा रहे थे| अचानक एक पुलिस कर्मी ने हाथ...

टूटी: रणजोध सिंह की कहानी

पुनीत ने एम.बी.बी.एस. की परीक्षा उत्तीर्ण कर डॉक्टर की नौकरी प्राप्त कर ली थी मगर उसे पहला ही स्टेशन हिमाचल प्रदेश का दूरवर्ती क्षेत्र...

स्वच्छता का संकल्प (प्रेरक प्रसंग): रणजोध सिंह

उस दिन स्कूल में पर्यावरण दिवस मनाया गया था| सभी बच्चों ने अध्यापकों की देख-रेख में स्कूल से लेकर बाजार तक एक जोरदार रैली...

वह हँसती क्यों है: रणजोध सिंह की लघुकथा

हर समय खिल-खिलाने वाली नंदिनी के बारे में कॉलोनी के लोग इतना ही जानते थे कि वह एक निजी कम्पनी में काम करती है...

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