जड़ों का दर्द – रणजोध सिंह
महकते हुए हसीं गुल ने अपनी जड़ों से पूछातुम्हारा वजूद क्या है?जवां बेटे ने अपने बुड़े बाप से पूछाआपने मेरे लिए किया क्या है|?दरिया...
भावनाओं का सफर — कविताएँ
डॉ कमल के प्यासाहिलोरेजीवन चक्र केझूले में,झूल हर कोई हिलोरे लेता है।कोई कमकोई अधिक,बस अपने कर्मों काफल वसूल लेता है !रिश्तेरिश्तों के जंगल...
रिश्ते — भीम सिंह
भीम सिंह, गांव देहरा हटवाड़, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश।
उन रिश्तों को निभाऊं कैसे
जिनमें थोड़ा भी प्यार नहीं
ऐसे रिश्ते किस काम के हैं
जिन्हें दिल मानने...