जिथे मुर्गा बांग न देवे: रणजोध सिंह

शर्मा जी ने एक अध्यक्ष के रूप में महाविद्यालय में कार्यभार संभाला था| कार्यालयी स्टाफ में उनका स्थान सबसे ऊँचा था | एक दिन शर्मा जी जैसे ही अपने कार्यालय कक्ष में पहुंचे तो देखा कि कार्यालय में दमघोटू सा वातावरण पसरा हुआ था| उस समय वहां पर पांच चपरासी उपस्थित थे| किसी ने कमरे … Continue reading जिथे मुर्गा बांग न देवे: रणजोध सिंह