मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने घोषणा की कि हिमाचल प्रदेश में 1 जून 2025 से 500 एमएल तक की पीईटी प्लास्टिक पानी की बोतलों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लागू होगा। यह निर्णय सभी सरकारी कार्यक्रमों, बैठकों, बोर्डों, निगमों और होटलों (सरकारी व निजी) में लागू होगा।
यह कदम हिमाचल प्रदेश जीव अनाशित कूड़ा-कचरा नियंत्रण अधिनियम के तहत पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है। संबंधित विभागों को निर्देश दिए गए हैं कि वे नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित करें और जनता को पर्यावरण अनुकूल विकल्पों के प्रति जागरूक करें।
मुख्य सचिव ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी सार्वजनिक और निजी परिवहन वाहनों, टैक्सियों तथा पर्यटक वाहनों में गार्बेज बिन रखना अब अनिवार्य है। एचआरटीसी की सभी बसों में पहले से ही गार्बेज बिन लगाए जा चुके हैं और बस स्टैंडों व ढाबों पर प्लास्टिक कचरे के संग्रहण की व्यवस्था की गई है।
बैठक में विस्तारित उत्पादक उत्तरदायित्व (EPR) के प्रभावी क्रियान्वयन पर भी चर्चा हुई। मुख्य सचिव ने कहा कि इससे प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन मजबूत होगा और पर्यावरण संरक्षण में सहायता मिलेगी।
बैठक में पर्यावरण, विज्ञान, प्रौद्योगिकी एवं जलवायु परिवर्तन, परिवहन, शहरी विकास, ग्रामीण विकास और अन्य विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।