June 30, 2025

भूकंप सुरक्षा जागरूकता: हिमाचल में मॉकड्रिल का आयोजन

Date:

Share post:

हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले में 4 अप्रैल 1905 को आए विनाशकारी भूकंप की 120वीं वर्षगांठ को आज राज्य में आपदा जागरूकता दिवस के तौर पर मनाया गया। 7.8 तीव्रता के इस भीषण भूकंप में लगभग 20 हजार लोगों ने जान गंवाई थी और हजारों पालतू जानवर मारे गए थे। लगभग 1 लाख घर पूरी तरह से तबाह हो गए थे। प्रदेश सचिवालय में सायरन बजते ही दोपहर 3 बजे मॉकड्रिल शुरू हुई जिसमें अग्निशमन विभाग, पुलिस तथा राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल ने भाग लिया।

इस दौरान मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने मॉकड्रिल का जायजा लेते हुए फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों से अग्निशामक उपकरणों के बारे में जानकारी हासिल की। मॉकड्रिल के बाद राज्य सचिवालय में भूकंपरोधी भवन निर्माण अपनाने पर और आपदा से तैयारी के संबंध में प्रस्तुति दी गई। मुख्य सचिव ने राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की गतिविधियों का आयोजन निरंतर किया जाना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग आपदा के प्रति जागरूक हो सकें।

उन्होंने कहा कि भू-वैज्ञानिकों द्वारा भूकंप जैसी विनाशकारी आपदा के पूर्वानुमान का पता लगाने के लिए प्रयास जारी हैं। ऐसे में जागरूकता और तैयारी से ही आपदा से सुरक्षित बचा जा सकता है। उन्होंने कहा कि कांगड़ा भूकंप से सबक लेते हुए प्रदेश के लोगों ने उस समय भवन निर्माण के लिए धज्जी दीवार और काष्ठकुणी शैली को अपनाया। उन्होंने भूकंपरोधी भवन निर्माण पद्धतियों को अपनाने पर भी बल दिया।


सचिव, सचिवालय प्रशासन राकेश कंवर ने एकीकृत पब्लिक एड्रेस सिस्टम स्थापित करने की सलाह दी जिससे कि आपदा के दौरान एक ही स्थान से संदेश भेजे जा सकें और नियंत्रण व संचालन भी बेहतर हो सके। इससे पहले, निदेशक व विशेष सचिव आपदा प्रबंधन डीसी राणा ने कहा कि आपदा के लिए तैयारी और जागरूकता के लिए सभी जिला मुख्यालयों में आज नागरिक एकजुटता मार्च निकाला गया।

उन्होंने कहा कि आपदा जागरूकता दिवस के तहत 5 अप्रैल तक प्रदेश के सभी विद्यालयों, शैक्षणिक संस्थानों, स्वास्थ्य विभाग, प्रारंभिक और उच्च शिक्षा विभाग, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय और हिमाचल प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय में छात्रों से जुड़ी गतिविधियां करवाई जा रही हैं।

इस दौरान छात्रों को भूकंप के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों और सुरक्षात्मक उपायों के संबंध में जानकारी दी जा रही है। आपदा की तैयारी के लिए कार्यशाला का आयोजन किया जा रहा है। वहीं आपदा के दौरान फंसे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए मॉकड्रिल भी आयोजित की जा रही हैं।

उन्होंने कहा कि प्रदेश की सभी पंचायतों को अप्रैल माह के लिए ग्राम सभा का एजेंडे में आपदा के लिए तैयारी और जागरूकता को शामिल किया गया है। अत्याधिक मौसमीय घटनाओं के दृष्टिगत पंचायतों को गांवों में जल निकासी प्रणाली का सुदृढ़ीकरण, जल निकासी मार्गों से अतिक्रमण हटाना, असुरक्षित स्थानों पर निर्माण रोकना, पहाड़ियों एवं ढलानों की स्थिरता सुनिश्चित करना, सुरक्षित और परंपरागत निर्माण पद्धतियों को अपनाने पर बल दिया जाएगा।

उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश भूकंप जोन-4 व 5 में आता है। चंबा, कांगड़ा, मंडी, कुल्लू, हमीरपुर और बिलासपुर जिला जोन-5 में होने के कारण सबसे अधिक भूकंपीय जोखिम वाले क्षेत्र हैं, जो इसे भूकंप के प्रति अत्यधिक संवेदनशील बनाता है। उन्होंने कहा कि भूकंपीय जोन-5 में आने वाले क्षेत्र सबसे अधिक खतरनाक माने जाते हैं क्योंकि इन क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर विनाशकारी भूकंप आने की संभावना रहती है। इस दौरान विशेष सचिव सचिवालय प्रशासन हरबंस सिंह ब्रसकोन, पुलिस अधीक्षक एसडीआरएफ अर्जित सेन ठाकुर और अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

Weather Alert – Govt/Private Schools/All Educational Institutes Closed on 30 June – Mandi, Kangra & Sirmaur

Weather Alert - Govt/Private Schools/All Educational Institutes Closed on 30 June - Mandi & Sirmaur  

CM Announces Massive Anti-Drug Campaign Soon

CM Sukhu announced that the Himachal Pradesh government will soon launch a large-scale anti-drug campaign to curb the...

CBSE Announces Two Board Exams for Class X from 2026

In a significant move to reform school education, the Central Board of Secondary Education (CBSE) has announced that...

CBSE Invites Self-Nominations for National Awards to Teachers 2024–25

The Central Board of Secondary Education (CBSE) has officially opened the self-nomination process for the National Awards to...