हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा सैनिक कल्याण मंत्री डॉ. (कर्नल) धनी राम शांडिल ने कहा कि राज्य की जनसंख्या का लगभग 14.5 प्रतिशत हिस्सा सैनिकों, पूर्व सैनिकों और उनके आश्रितों से संबंधित है और प्रदेश सरकार उनके कल्याण के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
यह बात उन्होंने सैनिक कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि हिमाचल को वीरभूमि कहा जाता है और यहां के जवानों ने देश की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
रिक्त पद होंगे भरे, निर्माण कार्य होंगे तेज:
डॉ. शांडिल ने कहा कि सैनिक कल्याण विभाग में रिक्त पदों को प्राथमिकता के आधार पर भरा जाएगा। साथ ही, सैनिक सदन, प्रशिक्षण अकादमियां, शहीद स्मारक और विश्राम गृहों के निर्माण कार्यों को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए आवश्यक धनराशि राज्य सरकार द्वारा उपलब्ध करवाई जा रही है।
राज्य सैनिक बोर्ड का गठन शीघ्र:
उन्होंने जानकारी दी कि राज्य सैनिक बोर्ड और पुनर्वास समिति का गठन जल्द किया जाएगा। साथ ही, ऊना, हमीरपुर, मंडी और बिलासपुर जैसे गैर-सैन्य जिलों में वैटरन सहायता केंद्र खोले जाएंगे।
नई सीएसडी कैंटीन की मांग केंद्र से:
डॉ. शांडिल ने बताया कि प्रदेश की भौगोलिक कठिनाइयों को देखते हुए अतिरिक्त CSD कैंटीन और एक्सटेंशन काउंटर स्थापित करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार के समक्ष रखा जाएगा।
रोज़गार और सहायता योजनाएं:
बैठक में बताया गया कि इस वर्ष जनवरी से जून के बीच 118 पूर्व सैनिकों को सुरक्षा सेवाओं में रोजगार, 44 ट्रकों को सीमेंट फैक्ट्रियों में कार्य पर लगाया गया है। साथ ही, भूतपूर्व सैनिक स्वास्थ्य योजना के तहत 8 लाख रुपये से अधिक की सहायता दी गई है।
देशभर में 144 परियोजनाओं में प्रदेश के 4103 पूर्व सैनिकों को रोजगार मिला है, और एम्स बिलासपुर में 73 सुरक्षा कर्मियों की भर्ती प्रक्रिया जारी है।
बैठक में सैनिक कल्याण निदेशक ब्रिगेडियर मदनशील, विशेष सचिव हरबंस सिंह ब्रसकोन सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।