जिला उपायुक्त अनुपम कश्यप की अध्यक्षता में आज खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 के तहत जिला स्तरीय सलाहकार समिति की बैठक आयोजित की गई। उपायुक्त ने बैठक में निर्देश दिए कि जिले के सभी सरकारी स्कूलों में मिड डे मील (मध्याह्न भोजन) में केवल ताजा और सुरक्षित खाद्य सामग्री का ही प्रयोग किया जाए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि किसी भी स्कूल में भोजन की गुणवत्ता को लेकर शिकायत मिलती है, तो सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इसके साथ ही स्कूलों को निर्देश दिए गए हैं कि पेयजल को उबालकर ही उपयोग में लाएं ताकि बच्चों के स्वास्थ्य की रक्षा हो सके।
सतत निगरानी और सैंपलिंग के निर्देश
उपायुक्त ने फील्ड स्टाफ को आदेश दिए कि मिड डे मील के नियमित सैंपल लिए जाएं और भोजन की गुणवत्ता की जांच सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि जिले में स्थित होटल, रेस्टोरेंट्स और फूड आउटलेट्स की भी समय-समय पर सख्त सैंपलिंग और निरीक्षण किया जाना चाहिए ताकि आम जनता को गुणवत्तापूर्ण खाद्य वस्तुएं मिलती रहें।
खाद्य लाइसेंस और पंजीकरण का ब्यौरा
बैठक में जानकारी दी गई कि अप्रैल से 30 जून 2025 तक जिले में कुल 652 खाद्य व्यापारियों का पंजीकरण हुआ है, जबकि 7 को लाइसेंस जारी किए गए हैं। नगर निगम शिमला क्षेत्र में 103 पंजीकरण और 12 लाइसेंस जारी हुए।
दूध व मिड डे मील के सैंपल लिए गए
खाद्य सुरक्षा जांच के तहत दूध और दुग्ध उत्पादों के 171 सैंपल लिए गए, जिनमें से 131 नगर निगम क्षेत्र और 40 अन्य क्षेत्रों से लिए गए। 9 स्कूलों के मिड डे मील से सैंपल लिए गए हैं, साथ ही कई स्कूलों के आसपास की दुकानों से खाद्य सामग्री के सैंपल भी एकत्रित किए गए हैं।
अन्य संस्थानों से भी सैंपलिंग
सैंपलिंग अभियान के तहत लोक निर्माण विभाग मुख्यालय, एसजेवीएनएल शनान, एसबीआई कसुम्पटी, और हिप्पा कैंटीन से भी खाद्य सैंपल एकत्र किए गए हैं, जिनकी जांच मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब के माध्यम से की जा रही है।
उपस्थित अधिकारी
बैठक में जिला कार्यक्रम अधिकारी ममता पॉल, मीनाक्षी सूद, अनीता ठाकुर, डॉ. सुनील शर्मा, जगदीश शर्मा सहित अन्य अधिकारी एवं प्रतिनिधि उपस्थित रहे।