नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कांग्रेस सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा है कि झूठी गारंटियों और फर्जी वादों के सहारे सत्ता में आना, जनता के विश्वास के साथ छल है और लोकतंत्र में यह “वोटों की चोरी” के समान है। उन्होंने आरोप लगाया कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस ने विधानसभा चुनावों के दौरान जो 10 गारंटियां दी थीं, वे आज न केवल अधूरी हैं बल्कि सरकार अब उनसे पल्ला झाड़ रही है।
अपने बयान में जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री और मंत्री कई बार खुद स्वीकार कर चुके हैं कि कुछ वादों के लिए कोई आधिकारिक प्रतिबद्धता नहीं थी। उन्होंने याद दिलाया कि कांग्रेस ने चुनाव के समय 5 लाख रोजगार, पहली कैबिनेट में 1 लाख सरकारी नौकरियों, 300 यूनिट मुफ्त बिजली, महिलाओं को ₹1500 प्रतिमाह और किसानों से ₹100 प्रति लीटर दूध खरीदने जैसी घोषणाएं की थीं, लेकिन अब तक इनमें से कोई भी गारंटी पूरी नहीं हुई है।
उन्होंने कहा कि युवाओं को रोजगार देने के बजाय सरकार ने 1.5 लाख से अधिक पदों को समाप्त किया, 15,000 से ज्यादा लोगों की नौकरियां खत्म कर दीं और हजारों भर्तियों पर रोक लगा दी। वहीं 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने के बजाय, पहले से मिल रही 125 यूनिट मुफ्त बिजली की सुविधा ही खत्म कर दी गई, जिससे आम जनता को झटका लगा है।
महिलाओं को ₹1500 मासिक देने की गारंटी को उन्होंने हिमाचल की राजनीति का “सबसे बड़ा झूठ” करार दिया। साथ ही उन्होंने कहा कि स्टार्टअप फंड और स्वावलंबन योजना जैसी योजनाएं भी बंद कर दी गईं। दूध मूल्य भुगतान में देरी पर भी उन्होंने सवाल उठाया।
जयराम ठाकुर ने यह भी आरोप लगाया कि सरकार ने अपने ही घोषणापत्र को सत्ता में आने के बाद कभी गंभीरता से नहीं लिया। उन्होंने कहा कि यह सब लोकतांत्रिक मूल्यों का उल्लंघन है और जनता के साथ विश्वासघात है।
उन्होंने कांग्रेस से हिमाचल प्रदेश की जनता से माफी मांगने की मांग की, जिनसे “10 झूठी गारंटियों” के नाम पर वोट लेकर सत्ता हासिल की गई।
पर्व की उमंग के बीच चिंता का संदेश – जयराम ठाकुर का सरकार को सुझाव