जिला शिमला में लगातार हो रही भारी बारिश के चलते सड़क संपर्क बाधित हो गया है, जिससे सेब की फसल को मंडियों तक पहुंचाना एक चुनौती बन गया है। ऐसे में जिला प्रशासन ने फील्ड में उतर कर लिंक रोड की बहाली का कार्य युद्धस्तर पर शुरू कर दिया है।
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने जानकारी देते हुए बताया कि जिला शिमला में सेब की फसल पूरी तरह तैयार है और बागवान अपनी उपज को मंडियों तक पहुंचाने को लेकर चिंतित हैं। प्रशासन इस चुनौती को समझते हुए सभी उपमंडलाधिकारियों (SDMs) को निर्देशित कर चुका है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में बंद पड़ी सड़कों का निरीक्षण करें और बहाली के कार्य को तेजी से आगे बढ़ाएं।
6 सितम्बर को उपायुक्त के निर्देश पर सभी एसडीएम फील्ड में उतरे और बाधित सड़कों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मौके पर मशीनरी की तैनाती, कार्य की प्रगति और स्थानीय लोगों की आवश्यकताओं का जायज़ा लिया। उपायुक्त ने यह भी बताया कि मौसम लगातार खराब बना हुआ है, जिससे सड़कों की बहाली में अड़चनें आ रही हैं, फिर भी प्रशासन की पूरी टीम ईमानदारी और समर्पण के साथ कार्य कर रही है।
प्रशासन ने सड़कों की मरम्मत के लिए सरकारी व निजी मशीनरी को लगाया है, जो प्रभावित क्षेत्रों में लगातार कार्य कर रही है। 5 सितम्बर तक जिला में कुल 242 लिंक रोड बाधित थे, जिनमें शिमला ग्रामीण, सुन्नी, ठियोग, कोटखाई, चौपाल, रोहड़ू, रामपुर, कुमारसैन, डोडरा क्वार और कुपवी क्षेत्र शामिल हैं।
खास बात यह रही कि मात्र एक दिन में 90 लिंक रोड बहाल किए गए हैं। 6 सितम्बर की शाम तक 152 लिंक रोड अब भी बाधित हैं, जिनकी बहाली का कार्य तेजी से जारी है। इसके अतिरिक्त, जिले के चार मुख्य मार्ग भी बाधित रहे, जिनमें तकलेच-रामपुर, ज्यूरी-घानवी, देट-ज्यूरी और एनएच-707 (ब्लयूक्यारी) शामिल हैं।
उपायुक्त ने स्पष्ट किया कि जिला प्रशासन की शीर्ष प्राथमिकता सेब उत्पादकों को सहायता देना और मार्गों को जल्द से जल्द बहाल करना है, ताकि किसानों की मेहनत बेकार न जाए और फसल सुरक्षित रूप से बाजार तक पहुंच सके।