हिमाचल प्रदेश सरकार ने आपदाओं के प्रति दीर्घकालिक लचीलापन और प्रभावी पुनर्प्राप्ति को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एचपी-रेडी (हिमाचल प्रदेश विकास एवं आपदा प्रबंधन) परियोजना के तहत एक व्यापक आपदा प्रबंधन योजना तैयार की है।
मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की अध्यक्षता में हुई समीक्षा बैठक में विश्व बैंक के प्रतिनिधियों और विभिन्न प्रमुख विभागों के अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक का उद्देश्य परियोजना की प्रगति, प्राथमिकता वाले क्षेत्रों की समीक्षा और समयबद्ध कार्यान्वयन को सुनिश्चित करना था।
मुख्य सचिव ने कहा कि एक समन्वित व परिणाम-उन्मुख दृष्टिकोण के माध्यम से राज्य को आपदा-प्रतिकारक एवं पुनर्निर्माण में सक्षम बनाना प्राथमिक लक्ष्य है। उन्होंने स्पष्ट किया कि मजबूत तैयारी योजना से न केवल समुदायों की सुरक्षा बढ़ती है, बल्कि सामाजिक व आर्थिक व्यवधान को भी न्यूनतम किया जा सकता है।
2,687 करोड़ रुपये की लागत वाली यह परियोजना वर्ष 2023 से 2025 तक के आपदा प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्निर्माण और भविष्य की आपदाओं से सुरक्षा के लिए रणनीतिक रूप से क्रियान्वित की जा रही है।
विश्व बैंक की टीम ने 15 से 19 सितम्बर तक राज्य के विभिन्न आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और लोक निर्माण, जल शक्ति, विद्युत, स्वास्थ्य, कृषि, बागवानी जैसे विभागों के साथ गहन विचार-विमर्श कर प्राथमिक परियोजनाओं की पहचान की।
बैठक में पर्यावरणीय और सामाजिक सुरक्षा उपायों, परिचालन प्रक्रियाओं और अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं पर आधारित रूपरेखा भी प्रस्तुत की गई, जिससे परियोजना के पारदर्शी और कुशल कार्यान्वयन को सुनिश्चित किया जा सके।
इस अवसर पर स्वास्थ्य सचिव एम. सुधा देवी, कृषि एवं बागवानी सचिव सी. पॉलरासु, और विशेष सचिव (आपदा प्रबंधन) डी.सी. राणा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।