गारंटियों की सच्चाई सामने लाएं: जयराम ठाकुर

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पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कांग्रेस के आलाकमान, विशेष रूप से प्रियंका गांधी, पर हिमाचल प्रदेश की जनता को दिए गए वादों से पीछे हटने का आरोप लगाते हुए कहा कि कांग्रेस नेताओं ने विधानसभा चुनाव के समय जो “गारंटियां” दी थीं, उनका आज कोई नामलेवा नहीं है।

जयराम ठाकुर ने कहा कि प्रियंका गांधी रिज मैदान में सरकारी कार्यक्रम की आड़ में राजनीतिक मंच से बयानबाजी करती रहीं, लेकिन एक बार भी उन वादों की चर्चा नहीं की, जो उन्होंने तीन साल पहले जनता से किए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि मंच का उपयोग केंद्र सरकार की आलोचना के लिए किया गया, जबकि आपदा राहत से जुड़े अधिकतर कार्य केंद्र सरकार की मदद से ही संभव हो पाए हैं।

उन्होंने सवाल उठाया कि अगर ADB, वर्ल्ड बैंक और अन्य बाहरी सहायता प्राप्त परियोजनाएं हिमाचल में चल रही हैं, तो क्या उनमें केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं है? ठाकुर ने बताया कि 5500 करोड़ रुपये से अधिक की सहायता हिमाचल को केंद्र से मिली है, जबकि राज्य सरकार खुद अब तक 300 करोड़ रुपये भी आपदा पीड़ितों को नहीं दे पाई है।

जयराम ठाकुर ने कार्यक्रम को “राजनीतिक सभा” बताते हुए कहा कि रिज मैदान जैसे गरिमामय स्थल पर इस तरह की राजनीतिक रैली करना दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि अगर यह कार्यक्रम वास्तव में सरकारी था, तो उसमें सरकार की योजनाओं और उपलब्धियों की चर्चा होनी चाहिए थी, न कि केंद्र सरकार की आलोचना।

उन्होंने प्रियंका गांधी के हिमाचल में घर बनाने के मुद्दे पर तंज कसते हुए कहा कि मुख्यमंत्री ने इसे प्रदेश के लिए “बड़ा फायदा” बताया है, जबकि आम जनता खुद पूछ रही है कि इससे हिमाचल को असल में क्या लाभ मिला? उन्होंने मुख्यमंत्री से पूछा कि वह यह स्पष्ट करें कि एक राजनीतिक व्यक्ति का निजी घर बनाना किस प्रकार राज्य के लिए फायदेमंद है।

जयराम ठाकुर ने प्रियंका गांधी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि जिस प्रकार उन्होंने चुनाव से पहले “गुप्तचरों” के माध्यम से जनता की राय ली थी, वैसा ही अब भी करें और देखें कि तीन वर्षों में राज्य की व्यवस्था कैसे चरमराई है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार कार्यवाहकों और चहेतों के भरोसे चल रही है, और राज्य 30 साल पीछे चला गया है।

उन्होंने यह भी कहा कि जब प्रधानमंत्री खुद आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर सकते हैं, तो कांग्रेस के शीर्ष नेताओं को भी पीड़ितों से मिलना चाहिए था और राहत कार्यों की समीक्षा करनी चाहिए थी, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया।

Eco Task Force Drives Plantation at RMS Chail

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Keekli Bureau
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