विधानसभा सत्र के दौरान धर्मशाला में पत्रकारों से बातचीत करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने राज्य सरकार पर धारा 118 को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार “हिमाचल ऑन सेल” के मिशन पर काम कर रही है और हितों की रक्षा के बजाय उन्हें बेचने में जुटी हुई है। उनके अनुसार धारा 118 में संशोधन राज्य के संसाधनों को निजी हाथों में सौंपने की सुनियोजित कोशिश है।
जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार के नजदीकी लोग देशभर में घूमकर धारा 118 से छूट दिलवाने के नाम पर लाभ उठाते रहे हैं। अब सरकार उसी दिशा में नीति बनाकर बाहरी लोगों को जमीन खरीदने का रास्ता तैयार कर रही है। उन्होंने कहा कि पूर्व में 118 को छूने पर बयान देने वाले नेता अब चुप हैं, जबकि मौजूदा सरकार ने आते ही सुविधाओं और संसाधनों में कटौती शुरू कर दी।
नेता प्रतिपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि तीन वर्षों के कार्यकाल के बावजूद मुख्यमंत्री यह बताने में असमर्थ हैं कि कितनी नौकरियां दी गईं। विपक्ष के लगातार सवालों पर हर बार “सूचना एकत्र की जा रही है” कहकर विधानसभा को गुमराह किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार एक भी नौकरी नहीं दे पाई है और युवाओं के साथ लगातार छल कर रही है।
उन्होंने जॉब ट्रेनी योजना को युवाओं के साथ “धोखा” बताते हुए इसे तुरंत वापस लेने की मांग की।
भाजपा की आक्रोश रैली को लेकर जयराम ठाकुर ने कहा कि पार्टी को जोरावर स्टेडियम में रैली की अनुमति मिल चुकी है और सरकार इसमें बाधा डालने की कोशिश न करे। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि प्रशासन ने रैली रोकी, तो भाजपा विधानसभा के अंदर भी प्रदर्शन करेगी।
जयराम ठाकुर ने छात्रों पर हुए पुलिस बल प्रयोग को लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन बताया। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर लाठीचार्ज तानाशाही की निशानी है और सरकार को इसके परिणाम भुगतने होंगे।
इसी तरह विश्व दिव्यांग दिवस पर दिव्यांग जनों पर बल प्रयोग को उन्होंने अमानवीय बताते हुए कहा कि सरकार को उनकी आवाज़ संवेदनशीलता से सुननी चाहिए थी, न कि दमन करना चाहिए था।
उन्होंने राज्यवासियों से भाजपा की जन आक्रोश रैली को पूर्ण समर्थन देने की अपील की। उनका कहना था कि सुक्खू सरकार के तीन वर्षों में भ्रष्टाचार, अराजकता और माफिया संस्कृति को बढ़ावा मिला है और सरकार एक भी चुनावी गारंटी पूरी नहीं कर सकी है।
भू-संपदा (विनियमन और विकास) हिमाचल प्रदेश संशोधन विधेयक 2025 पर असहमति जताते हुए भाजपा विधायकों ने सदन से वॉक आउट किया। जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि यह विधेयक रेरा चीफ की नियुक्ति में हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की भूमिका समाप्त करता है, जो संविधान और सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों की अवहेलना है।
उन्होंने कहा कि केंद्रीय कानून में इस प्रकार का परिवर्तन राज्य सरकार के अधिकार क्षेत्र में नहीं आता और सरकार ने संविधान की मर्यादा को ठेस पहुंचाई है।





