उप-मण्डलीय विधिक सेवा प्राधिकरण जुब्बल की ओर से आज राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय जुब्बल के सभागार में एक विशाल विधिक साक्षरता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर की अध्यक्षता प्राधिकरण की अध्यक्ष शीतल गुप्ता ने की। कार्यक्रम का उद्देश्य आम लोगों को विभिन्न सामाजिक और कानूनी विषयों पर जागरूक करना रहा।
शिविर में नशा मुक्त समाज – भारत का संकल्प, पर्यावरण संरक्षण तथा आपदा पीड़ितों का पुनर्वास जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर विशेषज्ञों ने विस्तार से अपने विचार रखे। इसमें स्कूल के छात्र-छात्राओं के साथ-साथ विभिन्न पंचायतों से आई महिला मंडलों और स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं ने भी सक्रिय भागीदारी की।
शीतल गुप्ता ने सभी वक्ताओं और अतिथियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह शिविर राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण और हिमाचल प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित किया गया है। उन्होंने आशा जताई कि इस तरह के कार्यक्रम समाज में नशा उन्मूलन और पर्यावरण संरक्षण को लेकर सकारात्मक जागरूकता फैलाने में सहायक सिद्ध होंगे।
आपदा पुनर्वास विषय पर उपमंडल दण्डाधिकारी जुब्बल गुरमीत नेगी, नायब तहसीलदार युद्धअभय सिंह और वरिष्ठ अधिवक्ता लोकिन्दर शर्मा ने प्राकृतिक व मानव निर्मित आपदाओं के दौरान सरकार द्वारा दी जाने वाली राहत, बचाव एवं पुनर्वास की प्रक्रिया की जानकारी दी। उन्होंने भूमिहीन नागरिकों को आवास हेतु भूमि प्राप्त करने से जुड़े कानूनी प्रावधानों पर भी प्रकाश डाला।
नशा मुक्ति पर एसएचओ जुब्बल चेतन चौहान, डॉ. कार्तिक, डॉ. अखिल और अधिवक्ता रितेश शर्मा ने युवाओं में बढ़ती नशे की प्रवृत्ति पर चिंता जताई और इसके स्वास्थ्य व सामाजिक दुष्प्रभावों की जानकारी दी। साथ ही नशा विरोधी कानूनों और दंड प्रावधानों से भी अवगत कराया।
पर्यावरण संरक्षण विषय पर वन मित्र कृतिका, अधिवक्ता निखिल रोलटा और सहायक जिला अभियोजक टेंज़ीन नेगी ने कहा कि पर्यावरण असंतुलन एक वैश्विक चुनौती बनता जा रहा है। उन्होंने प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण और पर्यावरण प्रदूषण से जुड़े कानूनी पहलुओं पर चर्चा की। इसके अतिरिक्त प्रियांशी वर्मा और राजनीति शास्त्र के प्रवक्ता बलवंत झौटा ने भी अपने विचार साझा किए।


