कीकली रिपोर्टर, 08 मार्च, 2019, शिमला
विंटर वेकेशन के बाद एक बार फिर से शुरू हुआ स्कूल सेशन शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी एडमिशन फीस के विस्तृत ब्यौरा जमा करवाने के आदेशों के चलते समय से पूर्व ही गर्माहट बनाए हुए है । इस बीच राजधानी स्थित शैले डे स्कूल प्रबंधन अपने विद्यार्थियों की बेहतर एकेडेमिक योजनाओं को जमीनी स्तर पर उतारने की जिम्मेवारी के साथ बच्चों को स्कूल डिसिप्लिन व् सेल्फ कॉन्फिडेंस से लबरेज बनाने के अपने लक्ष्य की ओर बढ़ चला है।
शैलेडे स्कूल प्रधानाचार्या आशिमा शर्मा ने किकली से बात करते हुए कहा कि बच्चे किताबी कीड़ा न बनें व् मात्र बुकिश् नॉलेज के लिए ही स्कूल न आएं बल्कि बच्चों की ओवरऑल पर्सनॅलिटी डेवलॅपमेंट होना आवश्यक है जिसके लिए स्कूल द्वारा हर वर्ष एजेंडा तैयार किया जाता है । बच्चों में अनुसाशन व् आत्मविश्वास लाना ही शैलेडे का मुख्य लक्ष्य है ।
प्रधानाचार्या ने कहा कि स्कूल प्रबंधन अपने टीचिंग विंग को बच्चों में अनुशासन व् मॉरल वैल्यू पढ़ाने और स्वयं के कार्य को भार न समझ कर समर्पण दिखाए जाने के लिए प्रेरित करता रहा है । प्रधानाचार्या ने कहा कि शैले डे कमजोर बच्चों को अतिरिक्त समय देकर और छोटी क्लासेस के लिए प्ले विंग मैथढ पर चलता है उन्होंने कहा कि अध्यापक वर्ग को बच्चों के साथ कोई भी कमेंट पास न किये जाने व् स्कूल में किसी भी प्रकार की राजनीति न करने के साथ-साथ अभिभावकों के साथ शालीन व्यवहार अपनाने के सख्त निर्देश जारी किये गए हैं ।
निजी स्कूलों द्वारा मनमानी एडमिशन फीस वसूली पर प्रधानाचार्या ने कहा कि शैलेडे द्वारा प्रत्येक वर्ष एडमिशन फीस न लेकर मात्र एक बार बच्चे के दाखिले के समय ही एडमिशन फीस ली जाती है जिसमें से हजार रूपए बच्चे के पास आउट होने के समय बच्चे को वापिस की जाती है ।
प्रधानाचार्या ने कहा कि शैले डे स्कूल सरकार द्वारा समय समय पर जारी किये गए आदेशों की अनुपालना करता रहा है । इसी कड़ी में बच्चों की सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए क्लासरूम से लेकर शौचालय व् स्कूल बसों में सी सी टी वी कैमरा लगवाए गए हैं । उन्होंने कहा कि स्कूल के टीचिंग स्टाफ़ के वेतन बढ़ोतरी को लेकर तीसरे वर्ष फीस में मामूली इजाफा करना पढ़ जाता है, प्रधानाचार्या के अनुसार शिमला के हिसाब से अन्य स्कूलों की तुलना में शैलेडे का फीस स्ट्रक्चर बेहद कम है ।
एडमिशन फीस के मुद्दे के अतिरिक्त अब निजी स्कूलों को बच्चों का डाटा बैंक तयार करने के आदेश जारी हुए हैं । बच्चे स्कूल किस तरह पहुँचते हैं इसकी विस्तृत रिपोर्ट देनी होगी । परिवहन विभाग की टीम स्कूलों में जाकर डाटा बैंक का निरीक्षण करेगी । निजी स्कूलों की फीस पर मनमानी लूट पर सरकार सख्ती अपनाए हुए है ।