सातवें इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल की दूसरीं स्क्रीनिंग शिमला के आदर्श कंडा जेल में होगी। यहां कैदियों को चुनिंदा अंतरराष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर की पुरस्कृत फिल्में दिखाई जाएंगी। ये जानकारी देते हुए इंटरनेशनल फ़िल्म फेस्टिवल ऑफ शिमला के फेस्टिवल डायरेक्टर पुष्प राज ठाकुर ने बताया कि कंडा जेल में फ़िल्म स्क्रीनिंग का आयोजन तीसरी बार किया जा रहा है। बता दें कि 26 से 28 नवंबर तीन दिनों तक शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थिएटर में इस अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म फेस्टिवल का आयोजन किया जा रहा है। इसी के साथ साथ कंडा जेल में भी फेस्टिवल की स्क्रीनिंग साथ साथ चलती रहेगी। पुष्प राज ठाकुर ने कहा कि महात्मा गांधी ने कहा था अपराध से नफरत करो अपराधी से नहीं। इसी को आधार मानते हुए उनकी संस्था हिमालयन वेलोसिटी जेल सुधारों पर आधारित एक फ़िल्म का निर्माण कर चुकी है।
गौरतलब है कि हिमाचल की जेलों में कैदियों के मानसिक व शारीरिक स्वास्थ्य को दुरुस्त रखने के लिए कई तरह की गतिविधियों का आयोजन किया जाता रहा है। कंडा जेल को आदर्श जेल का दर्जा प्राप्त है और यहां करवाई जा रही गतिविधियां में कैदियों को उनकी शिक्षा व योग्यता के अनुरूप काम पर लगाया जाता हैं। अन्तर्राष्ट्रीय फिल्म फेस्टिवल ऑफ़ शिमला के फेस्टिवल डायरेक्टर पुष्प राज ठाकुर ने कहा कि कंडा जेल में कैदियों के लिए पहले भी कई तरह के मनोरंजन परक कार्यक्रम भी आयोजित किये जाते रहे हैं। उन्होंने कहा कि जेल में समय बिताने के बाद बाहर निकलकर कैदी एक अच्छा इंसान बने इसके लिए उसे जेल में भी सकारात्मक माहौल मिलना चाहिए। जेल के तनाव से बाहर आने के लिए अंतरराष्ट्रीय फ़िल्म फेस्टिवल में दिखाई जाने वाली अवार्ड विनिंग फिल्में एक बेहतर विकल्प साबित हो सकती हैं।