December 3, 2024

वक्फ कानून: भारतीय संपत्तियों पर विवाद और विहिप की मांग

Date:

Share post:

विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने मांग की है कि केंद्र सरकार वक्फ कानून को रद्द करके संसद में नया कानून पारित करे। उसका कहना है कि पुराना कानून हिंदुओं और सरकार की संपत्ति पर मुसलमानों का कब्जा कराने की साजिश के तहत बनाया गया था। इस खतरनाक कानून में 44 संशोधन करके भी कुछ भी हासिल नहीं होगा। उमंग फाउंडेशन के ट्रस्टी विनोद योगाचार्य ने बताया कि विहिप के प्रांत मंत्री तुषार डोगरा ने उमंग फाउंडेशन के वेबीनार में मुख्य वक्ता के तौर पर यह मांग उठाई।

वेबीनार का विषय था “वक्फ कानून और उसमें संशोधन की आवश्यकता”। कार्यक्रम की अध्यक्षता हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में इतिहास के प्रोफेसर (डॉ.) अरुण सिंह ने की। संस्था के अध्यक्ष प्रो. अजय श्रीवास्तव ने वेबीनार के विषय की रूपरेखा और उद्देश्य पर प्रकाश डाला। तुषार डोगरा ने बताया कि 1954 में बने वक्फ कानून में 1995 में कांग्रेस सरकार ने संशोधन करके वक्फ बोर्डों को असीमित शक्तियां दे दी। इस कानून के अंतर्गत वक्फ बोर्ड किसी भी सरकारी अथवा निजी संपत्ति को अपना बताकर कब्जा कर सकता है।

तमिलनाडु के एक पूरे गांव को इसी कानून के तहत अपने नाम कर लिया और वहां एक 1500 साल पुराना मंदिर भी है। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा संरक्षित स्मारक ताजमहल पर भी वक्फ बोर्ड ने दावा ठोक दिया है जो सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है। हैरानी की बात यह है कि किसी भी संपत्ति पर वक्फ बोर्ड द्वारा दावा करने पर उसे अपने स्वामित्व का कोई दस्तावेज नहीं देना होता। बोर्ड को बस विश्वास होना चाहिए कि वह संपत्ति उसकी है।

जबकि संपत्ति के मालिक को यह सिद्ध करना पड़ता है कि वह उसका स्वामी है। विवाद की स्थिति में ये मामले जिला न्यायालय की बजाय वक्फ ट्रिब्यूनल में जाते हैं जो भारत में धार्मिक आधार पर बना एकमात्र ट्रिब्यूनल है। उन्होंने कहा बेंगलुरु में रामलीला मैदान को ईदगाह मैदान बता कर वक्फ बोर्ड अपना दावा कर रहा है। इसी तरह सूरत में नगर निगम बिल्डिंग को वह अपना बता रहा है। देश भर में हजारों सरकारी अथवा निजी संपत्तियों पर कब्जे के लिए उसने दावा ठोक दिया है।

तुषार डोगरा ने कहा कि वक्फ कानून में ले गए खतरनाक संशोधन के समय 1995 में वक्फ बोर्ड के पास सिर्फ चार लाख एकड़ जमीन थी जो बढ़कर अब 9 लाख 4 हज़ार एकड़ हो चुकी है। रक्षा मंत्रालय और रेलवे के बाद सबसे ज्यादा जमीन वक्फ बोर्ड के पास है। विहिप नेता ने कहा कि वक्फ कानून में 44 संशोधन प्रस्तावित किए गए हैं जिनसे कोई नतीजा हासिल नहीं होगा। इसलिए इस कानून को पूरी तरह रद्द कर नया कानून बनाया जाना चाहिए।

कार्यक्रम के अध्यक्ष प्रोफेसर अरुण सिंह ने भी इस बात पर सहमति जताई कि सरकार को नया वक्फ कानून संसद में लाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आजादी के बाद से मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति के कारण देश में सामाजिक और सांप्रदायिक सद्भाव को भारी नुकसान हुआ है। कार्यक्रम के संचालन में उमंग फाउंडेशन की युवा टीम के सदस्यों- उदय वर्मा, निकिता चौधरी और श्वेता शर्मा आदि ने सहयोग दिया

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

NeGD and TNeGA Collaborate for Digital Empowerment in Tamil Nadu

A Digital India State Consultation Workshop was organised by the National e-Governance Division (NeGD), Ministry of Electronics and Information Technology (MeitY) for...

India-Israel Collaboration: Quantum Technology and Space Startups Lead the Way

Israel's Industry & Economy Minister Nir Barkat, currently on India visit, today called on Union Minister of State...

IASST Guwahati Researchers Unlock the Therapeutic Potential of Subabul

Researchers have identified the therapeutic potential of the seedpods from the traditional medicinal plant Subabul in managing insulin...

Congress Government Set to Fulfill Seven Guarantees in Himachal

Chief Minister Thakur Sukhvinder Singh Sukhu announced during a public gathering in Bakhli, Siraj Assembly constituency, that the...