
राज्य स्तरीय बिलासपुर नलवाड़ी मेले में सेपू-बड़ियों की खुशबू महकने लगी। सात दिवसीय इस मेले के दौरान जाइका वानिकी परियोजना से जुड़े विभिन्न स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार प्राकृतिक एवं रसायन मुक्त उत्पादों की खरीददारी के लिए लोगों की कतारें लगी रही। सोमवार यानी 17 मार्च को मेले के शुभारंभ अवसर पर प्रदेश के तकनीकी शिक्षा मंत्री राजेश धर्माणी ने जाइका वानिकी परियोजना द्वारा लगाए गए स्टॉल पर शिरकत की जहां पर उन्होंने स्वयं सहायता समूहों के उत्पादों की सराहना की।
उन्होंने कहा कि प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने महिलाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं शुरू की हैं। राजेश धर्मानी ने कहा कि नलवाड़ी मेला न केवल एक परंपरा है, बल्कि हिमाचल प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत, लोक परंपराओं और सामाजिक एकता का प्रतीक भी है। यह मेला स्थानीय व्यापार, पशुपालन, पर्यटन और हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के साथ-साथ कहलूर के नाम से प्रसिद्ध बिलासपुर जिले की पहचान को सहेजने का भी महत्वपूर्ण माध्यम है।
उन्होंने कहा कि यह मेला केवल कृषि और पशुपालन को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सशक्त बनाता है। राजेश धर्माणी ने कहा कि यहा विभिन्न स्वयं सहायता समूहों द्वारा तैयार किए उत्पादों की बिक्री कर समूह के सदस्य अच्छी कमाई कर रहे हैं। गौरतलब है कि नलवाड़ी मेले में जाइका वानिकी परियोजना के अंतर्गत स्वयं सहायता समूहों ने सेपू-बड़ी, सीरा-बड़ी, आचार, मशरूम, बैग समेत कई अन्य उत्पाद प्रदर्शनी एवं बिक्री के लिए लाए।
मेले के शुभारंभ अवसर पर अरण्यपाल बिलासपुर मृत्युंज्य माधव, वन मंडलाधिकारी बिलासपुर मुख्यालय अश्वनी शर्मा, बिरोजा एवं तारपीन उद्योग के महाप्रबंधक सुकल्प शर्मा, वन परिक्षेत्र अधिकारी बिलासपुर सदर नरेंद्र सिंह, विषय वस्तु विशेषज्ञ डा. उलशीदा और क्षेत्रीय इकाई समन्यक उपस्थित रहे।