उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने जिला में भारी बारिश और आपदा से उत्पन्न स्थिति की समीक्षा करते हुए बताया कि प्रशासन पूरी तरह सक्रिय है और सभी उपमंडल दंडाधिकारियों (एसडीएम) को 24 घंटे अपने-अपने क्षेत्रों में निगरानी एवं राहत कार्य सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने फोन के माध्यम से सभी उपमंडलों की स्थिति की जानकारी ली और निर्देश दिए कि संभावित जोखिम वाले क्षेत्रों में मशीनरी पहले से तैनात की जाए।
उपायुक्त ने बताया कि 1 सितंबर को जिले में बारिश से चार लोगों की मौत हुई है। प्रशासन के सभी एसेंशियल सर्विस स्टाफ राहत कार्यों में जुटे हुए हैं और अधिकारी खुद फील्ड में निगरानी कर रहे हैं। उन्होंने निर्देश दिए कि आपदा की स्थिति में कम से कम समय में राहत पहुंचाई जाए।
भारी बारिश के चलते जिले में 6 मुख्य मार्गों सहित 261 लिंक रोड पूरी तरह बंद हैं। वहीं, 722 ट्रांसफॉर्मर प्रभावित हुए हैं जिससे बिजली आपूर्ति ठप हुई है और 278 पेयजल योजनाएं भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। प्रभावित क्षेत्रों में सुन्नी, कोटखाई, ठियोग, चौपाल, रोहड़ू, रामपुर, कुमारसेन, डोडरा क्वार, कुपवी और जुब्बल शामिल हैं। कोटखाई में सबसे अधिक 50 लिंक रोड बंद हैं जबकि ठियोग में 87 सड़कों पर आवागमन प्रभावित हुआ है।
उपायुक्त ने सेब सीजन के मद्देनजर सेब यातायात को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए और लोक निर्माण विभाग को सभी बाधित मार्गों को शीघ्र बहाल करने के आदेश दिए। साथ ही उन्होंने जल शक्ति विभाग को जलापूर्ति योजनाएं तुरंत दुरुस्त करने और गाद हटाने के कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए ताकि लोगों को पेयजल संकट का सामना न करना पड़े।
बिजली परियोजनाओं की शीघ्र मरम्मत के निर्देश देते हुए उपायुक्त ने विद्युत विभाग से कहा कि कार्यों के दौरान कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। इसके अतिरिक्त सभी एसडीएम को मेडिकल, वन, जल शक्ति, लोक निर्माण विभाग की टीमें पूर्ण रूप से तैयार रखने के निर्देश दिए ताकि किसी भी आपात स्थिति से तुरंत और प्रभावी रूप से निपटा जा सके।