December 23, 2024

अनोखा सपना : रघुविन्दरा की अद्भुत कहानी

Date:

Share post:

अनोखा सपना : रघुविन्दरा की अद्भुत कहानी

छुट्टियों का समय चला हुआ था। रघु अपने माता-पिता के साथ छुट्टियों में हमेशा घूमने जाया करता था। इस बार छुट्टियों में वह ट्रैकिंग पर गया था। ट्रेकिंग के बाद उन्होंने वापस आकर पास के एक  स्थान में दो दिन रुकने का निश्चय किया क्योंकि वहां पर बहुत ही सुंदर वातावरण और दार्शनिक स्थल भी थे।

एक दिन घूमने के बाद पूरा परिवार अपने दोस्तों के साथ वापस आकर होटल के कमरों में आराम कर रहा था, रघु फोन पर गेम खेलने में मस्त था। अचानक से मौसम बहुत खराब हो गया। आकाश में काले काले बादल  और दिन में ही रात जैसा माहौल बन गया ।रघु का ध्यान फोन की गेम से हट गया और वह खिड़की से बाहर देखने लगा। उसने देखा कि एकदम रात जैसा दृश्य हो गया है और जोर-जोर से हवाएँ चल रही हैं। कितने में ही उसे आकाश से चौकोर आकार का एक अजीब उड़न खटोला दिखाई दिया जो पास के जंगल में जाकर कहीं  गायब हो गया।

थोड़ी देर के बाद मौसम फिर से धीरे-धीरे साफ होने लगा। संध्याकाल का दृश्य सामने आया। रघु खिड़की के पास से उस विमान को देखने की कोशिश कर रहा था। और मन ही मन सोच रहा था कि जो उसने देखा है वह सच है या फिर सपना। और यदि सच है तो वह में विमान गया कहां? इतनी ही देर में उसकी मम्मी ने उसे आवाज देकर वापस बुलाया। अपनी मम्मी के कहने पर वह वापस तो चला गया पर उसके दिमाग से उस विमान की बात जा ही नहीं रही थी वह रह रहकर इसी के बारे में सोच रहा था। इसी सोच-विचार के बीच उसने डिनर किया और वह सो गया।

सुबह उठने पर उसने नाश्ता किया और दोबारा खिड़की के पास खड़ा हो गया और जंगल की तरफ एक उम्मीद भरी नजर से देखने लगा। तभी अचानक उसे जंगल के पास से एक अजीब सी आवाज सुनाई देने लगी। रघु ने ऐसी आवाज पहले कभी नहीं सुनी थी। उस आवाज को सुनकर लग रहा था कि कोई पीड़ा में है और मदद को मांग रहा है। रघु जल्दी-जल्दी सीढ़ियों से उतर कर उस आवाज की तरफ भागने लगा।जंगल में अंदर जाने पर उसे डर लग रहा था लेकिन उसके अंदर की उत्सुकता उसे जाने से रोक नहीं पा रही थी। उसके अंदर जाकर देखा तो उसे एक बहुत अजीब सा जीव दिखाई दिया।उसने देखा कि पास बस में ही कुछ-कुछ दूरी पर चार चकोर निशान पड़े हुए हैं। थोड़ी दूर जाने पर उसे अजीब सी शक्ल का अजीब सी शक्ल का जीव।

रघु पहले तो उसको देखकर बहुत डर गया और दूर भाग गया लेकिन फिर उसे जीव की मदद मांग रही आंखें नजर आई। रघु ने हिम्मत बाँधी और धीरे-धीरे उसे जीव की ओर बड़ा उसने मैं गड्ढे में थे ध्यान से देखा तो उसे नजर आया कि उसे जीव का एक पैर एक छोटे से पिंजरे में फस गया है, जिसे शायद किसी स्वार्थी इंसान ने किसी जंगली जानवर को पकड़ने के उद्देश्य से वहां लगाया था। उसमें पैर फंसने की वजह से उसे जीव को बहुत पीड़ा हो रही थी। रघु ने बड़े प्यार से उसे उस जाल से मुक्त करवाया।और इससे प्राथमिक उपचार देने के बारे में सोचने लगा।

उसके पास उपचार के लिए कुछ था नहीं तो उसने अपनी टांग में लगी हुई पट्टी निकाल कर उसे जीव के पैर बांध दी। वह जीव बहुत ही वात्सल्य  के साथ रघु को देखने लगा।रघु उसको अपने साथ स्कूल में ले गया और अध्यापक की मदद से उसका प्राथमिक उपचार करके उसको अपने साथ अपने घर ले आया। रघु खुश था कि उसके पास एक नया दोस्त था,जो कि दूसरे ग्रह का रहने वाला था।लेकिन वह चिंता में भी था कि एक दिन वह उसे छोड़कर चला जाएगा क्योंकि मास्टर जी ने उसे बताया था कि वो दूसरे ग्रह का है और उसे किसी तरह वापस भेजना ही होगा।

लेकिन रघु उसे किसी भी हाल में वापस भेजने के लिए तैयार नहीं था क्योंकि उसका उसे जीव से एक अनोखा गहरा नाता जुड़ गया था। अचानक मास्टर जी की आवाज उसके कानों में जोर-जोर से गूँजने लगी। ऐसा लग रहा था मानो मास्टर जी उसे पर गुस्सा कर रहे हो।मास्टर जी आवाज इतनी अधिक  रघु कान में गूँजने  लगी कि हड़बड़ा कर रघु की नींद खुल गई। रघु ने देखा की मैथ्स का पीरियड चल रहा है,और मास्टर जी चौकोर आकार पर चर्चा कर रहे हैं, जिसमें उन्होंने एलियन के विमान का उदाहरण दिया लेकिन मैथ में रुचि न होने के कारण रघु को नींद आ गई और वह सपने की अनोखी दुनिया में चला गया जहाँ उसकी मुलाकात एक दूसरी दुनिया के जीव से हुई। रघु जब उठा तो उसने देखा पूरी कक्षा उसे पर हंस रही है । मास्टर जी के जोर-जोर से डांटने पर उसकी नींद तो खुल गई पर रघु अभी भी उसी सपने की दुनिया के बारे में सोच रहा था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

यशपाल का आजादी की लड़ाई और साहित्य में योगदान – कल्पना पाण्डे

प्रसिद्ध हिन्दी कथाकार एवं निबंधकार यशपाल का जन्म 3 दिसम्बर 1903 को फिरोजपुर (पंजाब) में हुआ था। उनके पूर्वज हिमाचल के भूम्पल...

हिम जन कल्याण जागरुकता समिति का वार्षिक सम्मान समारोह 2024

हिम जन कल्याण जागरुकता समिति का वार्षिक सम्मानित समारोह शिमला के काली बाड़ी हॉल में मनाया गया। इस...

Keekli Charitable Trust Hosts an Inspiring Event Celebrating Literature & Creativity

Vandana Bhagra, Shimla, December 21, 2024Today, at the iconic Gaiety Theatre in Shimla, the Trust proudly celebrated a...

Union Minister Bhupender Yadav to Release ISFR 2023 in Dehradun

Union Minister of Environment, Forest and Climate Change Bhupender Yadav will release the India State of Forest Report...