September 21, 2025

बेटियाँ बनेंगी आत्मनिर्भर, देश बनेगा समावेशी

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लोकसभा अध्यक्ष ओम बिड़ला ने आज तिरुपति में आयोजित महिला सशक्तिकरण पर समितियों के प्रथम राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए कहा कि 2047 तक विकसित भारत के लक्ष्य की नींव महिलाओं के नेतृत्व में विकास और बाल कल्याण पर टिकी है। उन्होंने कहा, “भारत तभी एक समावेशी और विकसित राष्ट्र बन सकता है, जब हमारी बेटियाँ शिक्षित, सशक्त और आत्मनिर्भर बनें।”

इस ऐतिहासिक सम्मेलन में देश के 20 से अधिक राज्यों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। यह दो दिवसीय सम्मेलन “विकसित भारत हेतु महिलाओं के नेतृत्व में विकास” विषय पर आधारित है, जिसमें “लैंगिक उत्तरदायी बजट” और “उभरती तकनीकों की चुनौतियों से निपटने में महिलाओं की भूमिका” जैसे प्रमुख विषयों पर चर्चा हो रही है।

लोकसभा अध्यक्ष ने जोर देकर कहा कि महिला सशक्तिकरण कोई एक दिन का अभियान नहीं, बल्कि एक सतत प्रक्रिया है। इसमें पंचायत से लेकर संसद तक महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करना जरूरी है। उन्होंने कहा कि जब नीति और कानून निर्माण की प्रक्रिया में महिलाएँ बराबर भाग लेंगी, तभी उनकी वास्तविक चुनौतियाँ सामने आएंगी और उनका समाधान संभव होगा।

उन्होंने यह भी कहा कि महिला सशक्तिकरण पर समितियाँ नीति-निर्माण में गहन समीक्षा और समावेशिता सुनिश्चित करने के लिए एक मजबूत मंच हैं। इस सम्मेलन ने सांसदों, नीति निर्माताओं और महिला नेताओं को साथ लाकर साझा रणनीतियों पर विचार करने का अवसर दिया है।

बिड़ला ने संविधान सभा की 15 महिला सदस्यों के योगदान को स्मरण करते हुए कहा कि उनकी सक्रिय भागीदारी से ही भारत का संविधान लैंगिक रूप से निष्पक्ष बना। उन्होंने कहा कि समान अधिकारों और अवसरों की जो नींव संविधान में रखी गई, वह इन महिलाओं की दृष्टि का ही परिणाम है।

उन्होंने आगे कहा कि भारत में महिला नेतृत्व की प्राचीन और गौरवशाली परंपरा रही है—गार्गी, अनुसूया, रानी लक्ष्मीबाई, रानी रुद्रमादेवी से लेकर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री जैसे सर्वोच्च पदों तक महिलाओं ने हमेशा नेतृत्व किया है।

लोकसभा अध्यक्ष ने विशेष रूप से नारी शक्ति वंदन अधिनियम का उल्लेख करते हुए कहा कि यह कानून सिर्फ आरक्षण का प्रावधान नहीं है, बल्कि महिलाओं को लोकतंत्र में उनका उचित स्थान दिलाने की ऐतिहासिक पहल है। यह अधिनियम नए संसद भवन में पारित पहला विधेयक था, जो आने वाले समय में महिला नेतृत्व की एक नई पीढ़ी को तैयार करेगा।

बिड़ला ने कहा कि यह सम्मेलन यह स्पष्ट करता है कि महिला सशक्तिकरण और बाल कल्याण राष्ट्रीय विकास की परिधीय नहीं, बल्कि केंद्रीय विषयवस्तु हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह सम्मेलन 2047 तक एक समावेशी और आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक निर्णायक कदम सिद्ध होगा।

Himachal: A Model for Cooperatives

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