
भीम सिंह, गांव देहरा हटवाड़, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश।
बिटिया बगिया का खिला फूल है
जो लगता सबको प्यारा
बिटिया बिन खाली लगता
घर आंगन हमारा ।
बिटिया ही लक्ष्मीबाई
बिटिया ही मदर टरेसा
बिटिया ही सरोजनी नयाडू
बिटिया से भेदभाव कैसा।
बिटिया हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवाये
पुरुष से भी कहीं आगे निकल जाये
दुश्मन को भी ये चुन-चुनकर मारे
अगर कहीं बिटिया रण में उतर जाये ।
बेटियों ने आजतक जिस तरफ भी कदम बढ़ाया
बड़ो-बड़ों का शीश अपने आगे झुकाया
कठिन डगर को भी इन्होने आसान बनाया
बड़ी कुशलतापूर्वक अपना राज चलाया।
बेटियों को कभी कमजोर न करना
इनकी उड़ान में कभी रोड़ा न बनना
इनके सुनहरे सपनों को पंख लगाना तुम
हर तरह से शक्तिशाली इन्हें बनाना तुम।