मुख्यमंत्री सुक्खू ने आज मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि राज्य सरकार जल्द ही आपदा प्रभावित परिवारों के लिए विशेष राहत पैकेज की घोषणा करेगी, जिसकी मंजूरी मंत्रिमंडल से ली जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य की सीमित संसाधनों के चलते बिना केंद्र सरकार की उदार सहायता के नुकसान की भरपाई संभव नहीं है। इसलिए राज्य सरकार ने केंद्र से विशेष राहत पैकेज की मांग की है, जिससे बेघर हुए, अपनी कृषि भूमि और जीविका गंवा चुके लोगों के पुनर्वास में मदद मिल सके।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे.पी. नड्डा से भी बातचीत की है, जिन्होंने राज्य की सभी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार का आश्वासन दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार को कोई श्रेय नहीं चाहिए, बल्कि आपदा पीड़ितों के हित में केंद्र से सहयोग की उम्मीद है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि नई दिल्ली दौरे के दौरान उन्होंने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से अनुरोध किया है कि वे हिमाचल के आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करें। गृहमंत्री ने जल्द ही दौरा करने का आश्वासन दिया है।
सेब के पेड़ों की कटाई के मामले पर मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि फलदार पेड़ों को काटना उचित नहीं है और राज्य सरकार हाईकोर्ट से आग्रह करेगी कि उसे सेब की फसल की नीलामी के लिए पर्याप्त समय दिया जाए। इस संबंध में बागवानी मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर सभी कानूनी विकल्पों पर विचार किया जाएगा।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने यह भी बताया कि उन्होंने केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात कर भुभू जोत सुरंग समेत राज्य के कई महत्वपूर्ण अधोसंरचना परियोजनाओं को शीघ्र पूरा करने का आग्रह किया। उन्होंने ढली में गिरे भवन की घटना का भी ज़िक्र किया और प्रभावित परिवार को मुआवजा देने की मांग की, जिस पर केंद्रीय मंत्री ने सहमति जताई। साथ ही, उन्होंने शिमला-मटौर फोरलेन परियोजना के तहत शिमला-शालाघाट पैकेज के लिए सुरंग निर्माण, नालागढ़-पिंजौर और नालागढ़-गरा मौर मार्गों को शीघ्र शुरू करने तथा ढली-सैंज फोरलेन को रामपुर तक विस्तारित करने का आग्रह किया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि उन्होंने वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया से भी मुलाकात कर राज्य की विशेष परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए हिमाचल के पक्ष में सिफारिश करने का अनुरोध किया है।