June 18, 2025

विपरीत लिंग की संगति — एक व्यापक दृष्टिकोण

Date:

Share post:

सीताराम शर्मा सिद्धार्थ

मनुष्य का व्यक्तित्व एक दिन में नहीं बनता। यह एक सतत प्रक्रिया है, जो उसके सामाजिक व्यवहार, संवादों और अनुभवों से आकार लेता है। इन्हीं अनुभवों में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है — विपरीत लिंग के साथ संगति, अर्थात् स्त्रियों और पुरुषों का समूह में परस्पर संवाद, सहभागिता और समय बिताना। आज के आधुनिक और समानता की ओर अग्रसर समाज में यह विषय अत्यंत प्रासंगिक है। शिक्षा संस्थानों, कार्यस्थलों और सार्वजनिक जीवन में स्त्रियाँ और पुरुष समान रूप से सहभागी हैं। ऐसे में यह आवश्यक हो जाता है कि हम इस संगति के सकारात्मक और नकारात्मक, दोनों पहलुओं पर गहराई से विचार करें।

प्रथमदृष्टया हम इसका सकारात्मक पक्ष देखते हैं जिसमें संवाद, संवेदना और संतुलन सबसे महत्वपूर्ण है। जब विपरीत लिंग के लोग एक-दूसरे के साथ सहज, मर्यादित और उद्देश्यपूर्ण संवाद करते हैं, तो यह उनके भीतर कई मानव मूल्य विकसित करता है। संचार कौशल में सुधार आता है, क्योंकि स्त्रियाँ और पुरुष अक्सर भिन्न भावभिव्यक्ति के माध्यमों से सोचते और संवाद करते हैं। यह भिन्नता संवाद को समृद्ध बनाती है और व्यक्ति में सुनने, समझने और अभिव्यक्त होने की कला को निखारती है। ऐसी संगति से व्यक्ति के भीतर संवेदनशीलता, सहानुभूति और सामाजिक संतुलन जैसे गुण विकसित होते हैं। साथ ही, यह लैंगिक रूढ़ियों को तोड़ती है और व्यक्ति को यह समझने में सक्षम बनाती है कि क्षमता, नेतृत्व, भावुकता या साहस — ये सभी गुण लिंग पर नहीं, बल्कि व्यक्ति की दृष्टि और सोच पर निर्भर करते हैं।
टीमवर्क, नेतृत्व क्षमता और सामाजिक आत्मविश्वास भी ऐसे अनुभवों से पुष्ट होते हैं। विपरीत लिंग के साथ सहजता से संवाद करने वाला व्यक्ति समाज में अधिक परिपक्व, समन्वयशील और प्रभावशाली बनकर उभरता है।

आइए इसके इतर पहलुओं को भी देखें।
जहाँ यह संगति अनेक सकारात्मक पक्षों से युक्त है, वहीं यह कुछ सावधानियाँ भी मांगती है। यदि यह संवाद मर्यादा, उद्देश्य और आत्मनियंत्रण से रहित हो जाए, तो इसके दुष्परिणाम भी हो सकते हैं। कभी-कभी यह संगति भटककर भावनात्मक उलझनों, आकर्षण, ग़लतफहमियों और अस्वस्थ संबंधों की ओर चली जाती है। विशेष रूप से किशोर या युवा अवस्था में जब निर्णय क्षमता परिपक्व नहीं होती, तो यह मानसिक तनाव या असमय जिम्मेदारियों का कारण बन सकती है।

एकाग्रता में कमी, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा में बाधा, या गॉसिप और अफवाहों का शिकार बनना भी इसके संभावित दुष्परिणाम हैं। कई बार समाज की रूढ़िवादी सोच इस संगति को संदेह की दृष्टि से देखती है, जिससे व्यक्ति को मानसिक दबाव और आत्मग्लानि झेलनी पड़ सकती है। दोनों पक्षों के देखते हुए हम इस निष्कर्ष पर पहुंचते हैं कि संतुलन ही समाधान है।

विपरीत लिंग की संगति न तो कोई समस्या है, और न ही इसका अंध समर्थन ही समाधान है। यह एक सामाजिक अवसर है अपने व्यक्तित्व को संवेदनशील, संतुलित और सशक्त बनाने का। आवश्यकता है कि इस संगति को सम्मान, समझ, उद्देश्य और मर्यादा के साथ निभाया जाए। जब स्त्री और पुरुष एक-दूसरे को केवल “लिंग” नहीं, बल्कि एक पूर्ण व्यक्तित्व मानें, तभी यह संगति सृजनात्मक और विकासशील बन सकती है।

आइए, हम एक ऐसा समाज गढ़ें जहाँ संवाद हो — भेद नहीं, सहयोग हो — संघर्ष नहीं, और समानता हो — संकोच नहीं।

Daily News Bulletin

Keekli Bureau
Keekli Bureau
Dear Reader, we are dedicated to delivering unbiased, in-depth journalism that seeks the truth and amplifies voices often left unheard. To continue our mission, we need your support. Every contribution, no matter the amount, helps sustain our research, reporting and the impact we strive to make. Join us in safeguarding the integrity and transparency of independent journalism. Your support fosters a free press, diverse viewpoints and an informed democracy. Thank you for supporting independent journalism.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

Savitri Thakur Highlights 11 Years of Women-Child Welfare Gains

Minister of State for Women and Child Development, Savitri Thakur, visited the Sethi Nagar Anganwadi Centre in Indore,...

Governor Shukla Launches Anti-Drug Drive in Dodra-Kwar

In a historic outreach to the remote Dodra-Kwar region of Shimla district, Himachal Pradesh Governor Shiv Pratap Shukla...

CM Announces Development Bonanza for Anni Sub-Division

Chief Minister Sukhu, reaffirming the state government’s commitment to rural development, announced a slew of developmental projects worth...

Himachal Leads with Village-Centric Development

Driven by Mahatma Gandhi’s belief that “the soul of India lives in its villages,” HP CM Sukhu has...