हिमाचल प्रदेश के राजस्व, बागबानी, जनजातीय विकास एवं लोक शिकायत निवारण मंत्री जगत सिंह नेगी ने कहा कि वन अधिकार अधिनियम (FRA), 2006 की जानकारी केवल अधिकारियों तक सीमित न रहकर जनसामान्य को भी होनी चाहिए, ताकि पात्र लोग समय पर अपने अधिकारों का लाभ ले सकें।
राजस्व मंत्री चौपाल में आयोजित FRA विषयक कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे थे, जिसका आयोजन लोक निर्माण विभाग विश्राम गृह में किया गया। उन्होंने स्वयं कार्यशाला का संचालन करते हुए अधिकारियों और स्थानीय जनता को अधिनियम की बारीकियों से अवगत करवाया।
मंत्री ने बताया कि अक्सर जानकारी के अभाव और प्रशासनिक प्रक्रियाओं की जटिलता के चलते ग्रामीण क्षेत्रों के पात्र लोग अपने अधिकारों से वंचित रह जाते हैं। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे प्रक्रियाओं को सरल बनाएं और अधिक से अधिक लोगों तक अधिनियम से जुड़े लाभ पहुँचाएं।
कार्यशाला के दौरान चौपाल क्षेत्र की कई पंचायतों के प्रधानों ने सीमांकन, दस्तावेज़ीकरण, पटवारी स्तर की बाधाओं तथा प्रक्रियागत देरी जैसे मुद्दे उठाए। मंत्री ने सभी को भरोसा दिलाया कि प्रशासनिक समस्याओं को दूर कर अधिक से अधिक पात्र लाभार्थियों को शामिल किया जाएगा।
इस अवसर पर मंत्री ने बताया कि वर्ष 2023 की तरह इस साल भी राज्य को भारी वर्षा से नुकसान हुआ है, और राज्य सरकार ने आपदा राहत मैनुअल में संशोधन कर राहत राशि में बढ़ोतरी की है। उन्होंने यूनिवर्सल कार्टन योजना और APMC के माध्यम से सेब की खरीद में किए गए सुधारों का भी उल्लेख किया। अब तक 70,000 मीट्रिक टन सेब की खरीद की जा चुकी है और 154 करोड़ रुपये की राशि बागवानों को जारी की गई है।
कार्यशाला में कांग्रेस कमेटी संगठन महासचिव रजनीश किमटा ने मंत्री का स्वागत किया और क्षेत्र की विभिन्न समस्याओं से अवगत कराया।
इस अवसर पर एडीएम पंकज शर्मा, जिला राजस्व अधिकारी संजीत शर्मा, संयुक्त निदेशक जनजातीय विकास कैलाश, एसडीएम हेम चंद, पंचायत प्रतिनिधि, एफआरसी सदस्य, पटवारी, वन विभाग के अधिकारी, और बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहे।