August 12, 2025

हर किसान तक पहुंचे योजना का लाभ: चंद्र कुमार

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कृषि एवं पशुपालन मंत्री चंद्र कुमार ने आज कृषि निदेशालय, बालूगंज में विभागीय समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को निर्देश दिए कि किसानों को लाभान्वित करने वाली सभी योजनाओं का प्रभावी और पारदर्शी क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने कहा कि सरकार प्राकृतिक खेती, आधुनिक तकनीक और किसानों की आय वृद्धि के लिए प्रतिबद्ध है।

बैठक में बीज वितरण, उर्वरक आपूर्ति, सिंचाई योजनाओं और तकनीकी सहायता जैसे मुद्दों की समीक्षा की गई। मंत्री ने कहा कि रणनीति बनाते समय स्थानीय ज़रूरतों को ध्यान में रखा जाए।

हिम कृषि योजना में GIS तकनीक का उपयोग

बैठक में हिम कृषि योजना पर विस्तार से चर्चा हुई। जीआईएस तकनीक के ज़रिए क्लस्टर मैपिंग को आसान और तेज़ बनाया जा रहा है। योजना के तहत ₹5.47 करोड़ की राशि स्वीकृत की गई है। GIZ इंडिया टीम द्वारा पांच जिलों में पायलट परियोजनाएं पूर्ण कर ली गई हैं।

पांच नए मॉडल फार्म और बीज उत्पादन फिर शुरू

2024-25 में तीन फार्मों को मॉडल फार्म के रूप में विकसित किया गया है। 2025-26 के लिए पांच और नए फार्म चयनित किए गए हैं। साथ ही बीज आलू उत्पादन, जो 2018 से बंद था, खरीफ 2025 से पुनः शुरू किया जा रहा है। सभी सरकारी फार्मों में प्राकृतिक खेती को चरणबद्ध रूप से लागू किया जाएगा।

सौर सिंचाई और जल परियोजनाएं

2025-26 में सौर सिंचाई योजना के लिए ₹2 करोड़ का प्रावधान किया गया है, जिसके तहत 127 परियोजनाओं पर कार्य जारी है। “जल से कृषि को बल” योजना के तहत 64 परियोजनाओं पर कार्य प्रगति पर है। इनसे लगभग 250 हेक्टेयर भूमि लाभान्वित होगी।

प्राकृतिक खेती से जुड़े 48,685 किसान

अब तक 48,685 किसान प्राकृतिक खेती से जुड़ चुके हैं। सरकार ने मक्का, गेहूं और हल्दी जैसी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाकर DBT के ज़रिए करोड़ों रुपये किसानों तक पहुँचाए हैं। ट्रांसपोर्ट सब्सिडी और खरीद केंद्रों की व्यवस्था से भी किसानों को राहत मिली है।

जायका फेज-2 में 154 करोड़ खर्च होंगे

जायका परियोजना फेज-2 के अंतर्गत अगले वित्त वर्ष में ₹154 करोड़ खर्च किए जाएंगे। इसमें बुनियादी ढांचे के विकास, मार्केट लिंकिंग और संस्थागत सुधार शामिल हैं।

प्राकृतिक खेती का आदर्श मॉडल: पांगी उपमंडल

पांगी उपमंडल को पूर्ण प्राकृतिक खेती क्षेत्र घोषित किया गया है। वहां के किसानों को जौ की फसल पर ₹60 प्रति किलो MSP दिया जा रहा है। यह मॉडल प्रदेश के अन्य क्षेत्रों के लिए प्रेरणा बन रहा है।

सीधे संवाद से कृषि की समीक्षा

मंत्री ने सभी जिलों के अधिकारियों से सीधा संवाद कर योजनाओं की प्रगति का मूल्यांकन किया। सचिव कृषि सी. पाल रासू व निदेशक डॉ. जीत सिंह सहित सभी वरिष्ठ अधिकारी बैठक में उपस्थित रहे और प्रभावी क्रियान्वयन का आश्वासन दिया।

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