नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि “व्यवस्था परिवर्तन” के नारे के नाम पर कांग्रेस सरकार माताओं-बहनों को अपने कंगन और मंगलसूत्र तक गिरवी रखने पर मजबूर कर रही है। उन्होंने कहा कि “हिम केयर योजना” के तहत इलाज की सुविधा तो दिखावे की है, जबकि जमीनी हकीकत यह है कि गरीब लोग इलाज के लिए दर-दर भटक रहे हैं।
मीडिया से बातचीत में जयराम ठाकुर ने कहा कि सरकार की नाकामी की वजह से आम आदमी को जरूरी इलाज तक नहीं मिल पा रहा। कई लोगों को अपनी मां के कंगन और दादी के मंगलसूत्र गिरवी रखने पड़े ताकि वे इलाज का खर्च उठा सकें। यह प्रदेश के लिए बेहद शर्मनाक स्थिति है।
उन्होंने कहा, “जब इन मामलों को विधानसभा में उठाया गया तो सरकार ने संवेदनशीलता दिखाने के बजाय हंसी-मजाक किया और कोई ठोस आश्वासन तक नहीं दिया। इससे शर्मनाक उदाहरण किसी सरकार का नहीं हो सकता।”
जयराम ठाकुर ने आरोप लगाया कि सरकार न तो स्वयं इन मामलों का संज्ञान लेती है और न ही विपक्ष व मीडिया द्वारा उजागर किए जाने पर कोई कार्रवाई करती है। “झूठे विज्ञापन, झूठे वादे और गारंटी की आड़ में सरकार सत्ता में आई थी और अब उन्हीं झूठों के सहारे चल रही है,” उन्होंने कहा।
उन्होंने यह भी दावा किया कि मुख्यमंत्री सुक्खू को समझना चाहिए कि लोगों की जान से बढ़कर कुछ नहीं होता, लेकिन मौजूदा सरकार अपनी जिम्मेदारियों से भाग रही है। उन्होंने हिम केयर योजना की बदहाली पर सवाल उठाते हुए बताया कि कई मरीजों के ऑपरेशन की तारीखें साल भर से टाली जा रही हैं, जिससे लोग मजबूरी में कर्ज लेकर इलाज करवा रहे हैं।
जयराम ठाकुर ने एक बच्ची के पिता की मृत्यु का जिक्र करते हुए कहा कि डॉक्टर की सिफारिश के बावजूद उन्हें समय पर इंजेक्शन नहीं मिला, और जब बिटिया ने आवाज उठाई, तो सरकार के अफसर उल्टा उसी पर दोष मढ़ने लगे। उन्होंने सरकार पर ऐसे अफसरों को संरक्षण देने का आरोप भी लगाया।
भाजपा विधायक दल ने सरकार की इस उदासीनता और गैर-जिम्मेदार रवैये के विरोध में विधानसभा से वॉकआउट भी किया।
कांग्रेस ने झूठे वादों से छीना जनादेश: नेता प्रतिपक्ष का हमला