हिमाचल प्रदेश सरकार के वेब पॉलिसी में अनियमितताओं का पता चला है। इसके अलावा, IPR विभाग की कार्यप्रणाली में भी संदेह के घेरे में विभाग द्वारा मगाये गए आवेदन की कागजी दस्तावेज की जांच के बिना ही मुजरिम की तरह क्रोस वेरिफिकेशन के लिए बुलाया गया है। इस मामले में पत्रकारों को भी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। उन्हें हिमाचल में वेब पॉलिसी 2022 के नियमों को ध्यान में रखते हुए नियमों को ओवररूल करके दैनिक एवं साप्ताहिक ई-पेपर की वेबसाइट को भी प्रक्रिया में शामिल किया गया है।
IPR विभाग में संदेह (हिमाचल में वेब पॉलिसी)
IPR विभाग की कार्यप्रणाली में भी संदेह के घेरे में विभाग द्वारा मगाये गए आवेदन की कागजी दस्तावेज की जांच के बिना ही मुजरिम की तरह क्रोस वेरिफिकेशन के लिए बुलाया गया है। इसके बावजूद, इस मामले में विभाग की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया है। वेबसाइट द्वारा बिना कागजी दस्तावेज की जांच के बिना क्रोस वेरिफिकेशन के लिए पत्रकारों को बुलाया जाना गलत है।
वेब पॉलिसी 2022 के नियमों को ओवररूल किया गया
इसके बाद नियमों को ओवररूल कर दैनिक एवं साप्ताहिक ईपेपर की वेबसाइट को भी वेरिफिकेशन की प्रक्रिया में शामिल किया गया है। वेब मीडिया के साथ साथ दैनिक और साप्ताहिक अखबारों की भी वेरिफिकेशन होनी चाहिए। सभी अखबारों के लिए एक प्रमाण पत्र होना जरूरी होता है। टीवी चैनल की भी स्पॉट वेरिफिकेशन होनी चाहिए। इस घटना को एक महत्वपूर्ण संदर्भ के रूप में देखना चाहिए क्योंकि इससे पत्रकारों और मीडिया संस्थाओं की आजादी और निष्पक्षता पर सवाल उठते हैं। इस घटना का समाधान न केवल हिमाचल प्रदेश में बल्कि पूरे देश में मीडिया संस्थाओं के लिए एक संदेश भी हो सकता है।
इस घटना के संबंध में मुख्यमंत्री जी से एक विशेष बैठक होनी चाहिए जिसमें हिमाचल के वेबसाइट संचलकों की सहमति से सभी अखबारों और वेबसाइटों की वेरिफिकेशन करने का फैसला लिया जाए। इस बैठक में सभी वेबसाइट संचालकों के साथ-साथ अखबारों और टीवी चैनलों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किया जाना चाहिए ताकि सभी की राय रखी जा सके। इस बैठक में इस समस्या के निवारण के लिए कुछ नए नियम भी बनाए जा सकते हैं।
Himachal Day At 12000 Feet In Kaza: A Spectacular State-Level Event