धारा 13 के तहत गठित जिला स्तरीय सतर्कता समिति की बैठक आयोजित की गई। बैठक में बंधुआ मजदूरी एवं बाल मजदूरी पर विस्तृत चर्चा की गई।
बंधुआ मजदूरी मामलों पर सतर्कता बढ़ाने के निर्देश


उपायुक्त ने कहा कि अब तक जिला शिमला में बंधुआ मजदूरी का कोई मामला सामने नहीं आया है, लेकिन सभी सदस्यों को अपने क्षेत्र में सतर्क रहने की आवश्यकता है। यदि कहीं भी बंधुआ या बाल श्रमिकों का नियोजन हो रहा हो, तो तुरंत इसकी सूचना दें ताकि उचित कार्यवाही की जा सके।
जनप्रतिनिधियों और NGO की भूमिका महत्वपूर्ण

उन्होंने समिति में स्थानीय जनप्रतिनिधियों एवं गैर सरकारी संगठनों की भूमिका को अहम बताया। बंधुआ मजदूरी और बाल मजदूरी को गंभीर अपराध की श्रेणी में रखते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों की अनदेखी नहीं की जा सकती।
श्रमिकों के अधिकारों पर जागरूकता अभियान
उपायुक्त ने विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिए कि वे श्रमिकों को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक करने के लिए कार्यशालाओं का आयोजन करें। इस पहल से श्रमिक अपने कानूनी अधिकारों को जान सकेंगे और बंधुआ मजदूरी तथा बाल मजदूरी के विरुद्ध जागरूक हो सकेंगे।
बैठक में प्रमुख अधिकारी रहे मौजूद
इस बैठक में अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी (प्रोटोकॉल) ज्योति राणा, जिला श्रम अधिकारी इंदर लाल नेगी सहित समिति के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।