June 30, 2025

हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के शिक्षा विभाग ने आयोजित किया “दिशिता” सांस्कृतिक कार्यक्रम

Date:

Share post:

हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में हिमाचल प्रदेश ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में पहला कदम बढ़ा दिया। अब तक भाखड़ा ब्यास प्रबन्धन बोर्ड (बी.बी.एम.बी.) की परियोजनाओं से पेयजल आपूर्ति और सिंचाई कार्यों के लिए पानी लेने से पूर्व बी.बी.एम.बी. से अनापत्ति प्रमाण पत्र लेने की आवश्यकता होती थी, लेकिन वर्तमान सरकार ने इस मुद्दे को केन्द्र सरकार से प्रमुखता के साथ उठाया और अब केंद्र सरकार ने इस शर्त को हटा दिया है।

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा “हिमाचल प्रदेश में निवेश के नाम पर ‘इन्वेस्टमेंट ड्रेन’ हुआ है। हिमाचल में बनी जल विद्युत परियोजनाओं में राज्य के हितों का ध्यान नहीं रखा गया है। पानी और भूमि हिमाचल प्रदेश का है और इन प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कर कई कंपनियाँ सालाना हजारों करोड़ रुपए का शुद्ध लाभ अर्जित कर रही हैं, लेकिन हिमाचल प्रदेश को इन परियोजनाओं में नाममात्र की ही हिस्सेदारी मिल रही है, जो राज्य के लोगों के साथ अन्याय है। प्रदेश को उसका अधिकार मिलना चाहिए और इस विषय को वर्तमान राज्य सरकार मजबूती से हर मंच पर उठा रही है।

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में वर्तमान राज्य सरकार के गठन के बाद से ही जल विद्युत परियोजनाओं में भी ज्यादा रॉयल्टी की माँग की जा रही है। बी.बी.एम.बी. द्वारा संचालित भाखड़ा बांध परियोजना, ब्यास सतलुज लिंक व पौंग बांध परियोजना में किसी प्रकार की मुफ्त बिजली की रॉयल्टी नहीं दी जा रही है। इसके कारण प्रदेश सरकार को प्राप्त होने वाले राजस्व से वंचित होना पड़ रहा है। बी.बी.एम.बी. की इन परियोजनाओं में प्रदेश सरकार को हिस्सेदारी के रूप में केवल मात्र 7.19 प्रतिशत बिजली प्रदान की जा रही है, जो पर्याप्त नहीं है। राज्य सरकार इन परियोजना में अधिक हिस्सेदारी की माँग कर रही है।

इसके साथ-साथ वर्तमान में एस.जे.वी.एन.एल. द्वारा संचालित नाथपा झाकड़ी परियोजना व रामपुर परियोजना से प्रदेश को केवल 12 प्रतिशत की दर पर मुफ्त बिजली प्राप्त हो रही है जबकि एस.जे.वी.एन.एल. को इन ऋण मुक्त हो चुकी परियोजनाओं से लाभ मिल रहा है। इन परियोजनाओं में अनुबन्ध अवधि सीमा भी निर्धारित नहीं की गई है, ऐसे में मुख्यमंत्री प्रमुखता के साथ इन परियोजनाओं 40 वर्ष की समय अवधि के बाद हिमाचल प्रदेश सरकार को स्थानांतरित करने की माँग कर रही है। व्यवस्था परिवर्तन की दिशा में लगातार कदम उठा रहे मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने हाल ही में हिमाचल प्रदेश के प्रवास पर आए केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर. के. सिंह के सामने भी इन माँगों को जोर-शोर से उठाया था। आशा है कि इस बारे में केन्द्र सरकार प्रदेश सरकार की इन न्यायोचित मांगों को उचित अधिमान देगी, जो प्रदेश को आत्मनिर्भरता की ओर लेने में एक कारगर कदम सिद्ध होगी।

Keekli Charitable Trust Organizes Blood Camp in Shimla

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

Weather Alert – Govt/Private Schools/All Educational Institutes Closed on 30 June – Mandi, Kangra & Sirmaur

Weather Alert - Govt/Private Schools/All Educational Institutes Closed on 30 June - Mandi & Sirmaur  

CM Announces Massive Anti-Drug Campaign Soon

CM Sukhu announced that the Himachal Pradesh government will soon launch a large-scale anti-drug campaign to curb the...

CBSE Announces Two Board Exams for Class X from 2026

In a significant move to reform school education, the Central Board of Secondary Education (CBSE) has announced that...

CBSE Invites Self-Nominations for National Awards to Teachers 2024–25

The Central Board of Secondary Education (CBSE) has officially opened the self-nomination process for the National Awards to...