हिमाचल शिक्षा समिति द्वारा सोमवार को यहां वार्षिक साधारण सभा का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कैप्टन संजय पराशर को कोरोनाकाल में समाज को दिए गए योगदान और शिक्षा समिति को अपार आर्थिक सहयोग देने पर सम्मानित किया गया। इस माैके पर शिक्षा समिति के प्रदेशाध्यक्ष मोहन केष्टा ने कहा कि प्रदेश भर में कैप्टन संजय ने सामाजिक सरोकारों की नई परिभाषा लिख दी है और कोरोनाकाल में पराशर द्वारा समाज के लिए दिए गए योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता। केष्टा ने कहा कि सरस्वती विद्या मंदिरों में अध्ययनरत विद्यार्थियों की शिक्षा के लिए भी पराशर ने अपने संसाधनों से बड़ा सहयोग दिया और अब तक 42 लाख रूपए शिक्षा समिति को दे चुके हैं। इसके अलावा वह विद्या मंदिरों में मेधावी छात्र सम्मान समारोहों का आयोजन भी करते रहे हैं, जिसके लिए शिक्षा समिति पराशर का आभार व्यक्त करती है। कहा कि पराशर के सहयोग से ही सरस्वती विद्या मंदिर, परागपुर में आधुनिक विज्ञान प्रयोगशाला का निर्माण हो रहा है और अगले वर्ष से इस स्कूल में जमा एक की विज्ञान की कक्षाएं लगनी भी शुरू हो जाएंगी।
हिमाचल शिक्षा समिति ने पराशर को कोरोनाकाल में दिए गए योगदान के लिए किया सम्मानित
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इसके लिए तमाम औपचािरिकताएं बसंत पंचमी से पहले पूर्ण कर ली जाएंगी। इस कार्यक्रम में पराशर ने 9.49 लाख रूपए का चेक शिक्षा समिति के पदाधिकारियों को सौंपा। अपने अध्यक्षीय भाषण में संजय पराशर ने कहा कि बेशक शिक्षा समिति और विद्या भारती द्वारा संचालित सरस्वती विद्या मंदिरों में शिक्षा का बेहतरीन माहौल है और बच्चों को शिक्षा के साथ नैतिक मूल्यों, आदर्शों और संस्कारों का पाठ भी पढ़ाया जाता है। कोरोना काल में इन विद्यालयों में पढ़ने वाले कई बच्चों के अभिभावक फीस भरने में असमर्थ थे उन्हें लगा कि होनहार विद्यार्थियों की पढ़ाई आर्थिक कारणों से प्रभावित नहीं होनी चाहिए। इसलिए उन्होंने आर्थिक टोली प्रमुख होने के नाते 21 लाख रूपए का योगदान दिया। इसके बाद कोराना काल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों का हौसला बढ़े, इसके लिए पपरोला, चिंतपूर्णी और परागपुर में मेधावी छात्र सम्मान आयोजित किए गए। जसवां-परागपुर क्षेत्र के एवीएम स्कूल, परागपुर में विज्ञान में रूचि रखने वाले विद्यार्थियों की संख्या तो ज्यादा थी, लेेकिन विज्ञान प्रयोगशाला न होने के कारण इस विद्यालय में बच्चे, अभिभावक व विद्यालय प्रबंधक मन मसोस कर रह जाते थे। निर्णय लिया कि आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित लैबोरेटरी का निर्माण करवाया जाए, ताकि बच्चों के सपनों को भी पंख लग सकें।
प्रसन्नता इस बात की है कि अब विज्ञान प्रयोगशाला के साथ अगले वर्ष विज्ञान की कक्षाएं भी इस स्कूल में संचालित हो जाएंगी। पराशर ने कहा कि उनका सबसे बड़ा ध्येय शिक्षा व रोजगार है। अगर शिक्षा का स्तर ऊंचा होगा और हर विद्यालय में सारे संसाधन मौजूद रहेंगे तो विद्यार्थी भी हर क्षेत्र में निश्चित तौर पर खुद को साबित करेंगे। कहा कि विद्या मंदिरों के पूर्व छात्रों को भी इस प्रोजेक्ट के साथ जोड़ा जा रहा है और रूपरेखा तैयार कर ली गई है। पूर्व छात्रों के सहयोग के बाद विद्या मंदिरों में संसाधन जुटाने में आसानी रहेगी। पराशर ने कहा कि वह आजीवन हिमाचल शिक्षा समिति के एजेंडे को धरातल पर उतारने के लिए कार्य करते रहेंगे। उन्होंने इस कार्यक्रम में अपने दिल की कामना को जाहिर करते हुए कहा कि वह हर समय शारदा शक्तिपीठ को नमन करते हैं और इच्छा है कि वह पाकिस्तान स्थित इस पावन स्थल पर अपने जीवनकाल में बिना वीजा के जाएं। कार्यक्रम में विद्या भारती के उत्तर क्षेत्र के संगठन मंत्री बालकृष्ण, शिक्षा समिति के संगठन मंत्री दिला राम, एचएस के संगठन मंत्री ज्ञान चंद, यशपाल कंवर और शिक्षा समिति के प्रांत व जिला स्तर के पदाधिकारी भी मौजूद रहे।