14 सितंबर 2025 को हिंदी दिवस के अवसर पर जनवादी लेखक संघ, मुंबई और स्वर संगम फाउंडेशन के संयुक्त तत्वावधान में विरंगुला केंद्र, मीरा रोड (पूर्व) में बहुभाषी कवि सम्मेलन का भव्य आयोजन हुआ। खचाखच भरे सभागार में हिंदी, उर्दू, मराठी और बंगाली भाषाओं के कवि एवं शायरों ने अपनी उत्कृष्ट काव्य प्रस्तुतियों से श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
दिल्ली से आई प्रमुख अतिथि, लेखिका-कवयित्री एवं एक्टिविस्ट अनिता भारती ने अपनी प्रभावशाली कविताएं सुनाईं और कहा कि कोई भी भाषा छोटी या बड़ी नहीं होती। उन्होंने मराठी से हिंदी में दलित साहित्य के अनुवाद ने उन्हें जीवन में नई ऊर्जा दी, यह अनुभव साझा किया। प्रो. कुसुम त्रिपाठी ने हिंदी को प्रेम और भाईचारे की भाषा बताते हुए इसकी वर्चस्ववादी मानसिकता से अलग पहचान पर जोर दिया। वरिष्ठ कवि हृदयेश मयंक और राकेश शर्मा की ग़ज़लों ने श्रोताओं के दिलों को छू लिया।
अन्य कवि एवं शायर मुस्तहसन अज्म, नैमिष राय, अनिल गौड़, भूपेंद्र मिश्र, सुनील ओवाल, आरिफ महमूदाबादी सहित अनेक प्रतिभागियों ने अपनी भाषाई विविधता के साथ काव्य प्रस्तुत कर साहित्य प्रेमियों को भावविभोर कर दिया।
सभा की अध्यक्षता शैलेश सिंह ने की, संचालन जुल्मीराम सिंह यादव ने किया और आभार प्रदर्शन डॉ. मुख्तार खान ने व्यक्त किया। इस आयोजन में शहर के अनेक कवि, चिंतक, पत्रकार, नाट्यकर्मी एवं गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
यह कार्यक्रम भाषाई विविधता और काव्य की एकता का सजीव उदाहरण बना, जिसने सभी को संवाद, रचनात्मक ऊर्जा और मानवीय संवेदनाओं से ओतप्रोत किया।