November 24, 2025

हिंदी पाठकों के लिए मलयालम कहानियों का संग्रह – दो नई किताबों का भव्य विमोचन

Date:

Share post:

मलयाळम कहानी संग्रह का ब्लर्ब “दक्षिण भारत के सुदूर कोने में बसे केरल की मातृभाषा मलयालमए साहित्यिक दृष्टि से बहुत समृद्ध है। लेकिन इस भाषा की रचनाओं का रसास्वादन हिंदी भाषी कम ही कर सके हैं। अनुवाद के सहारे मलयालम की श्रेष्ठ रचनाओं को हिंदी में लाने का विनम्र प्रयास भाषा समन्वय वेदी कर रही है। इस शृंखला की कड़ी में बहुचर्चित कहानीकार श्री के. वी. मोहनकुमार की प्रतिनिधि कहानियाँ हिंदी पाठकों को मिल रही हैं। जिला आलप्पुषा के दूर-दराज के गाँवों का परिवेश, उधर के पात्र, लोकपरंपरा, जनश्रुति और आचार-विचार इन कहानियों में प्रतिफलित हुए हैं। हिंदी और मलयालम यहाँ हाथ जोड़ती हैं। यह भावात्मक एकता के पुल को मजबूत करने का सार्थक प्रयास है। हिंदी तथा मलयालम भाषी इस पुस्तक के सहारे मानसिक पड़ोसी बन रहे हैं। यहाँ भाषाई आंचलिकता की दीवारों को अनुभूति की गरिमा और महिमा एकदम लांघती हैं |

भाषा समन्वय वेदी के सदस्य 8 से 12 तारीख तक एक विशेष दौरे पर रहेंगे, इस दौरान, वे दो किताबों का विमोचन करेंगे। पहली किताब हिंदी से मलयालम में अनुवादित हिमाचल के लेखकों की कहानियाँ है, जबकि दूसरी किताब मलयालम से हिंदी में अनूदित रचनाएँ प्रस्तुत करेगी। यह आयोजन साहित्य प्रेमियों के लिए एक महत्वपूर्ण अवसर है, जो भाषाई समन्वय और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा।

भाषा समन्वय वेदी, एक प्रतिष्ठित साहित्यिक संस्था, ने अपनी गतिविधियों के माध्यम से भाषाओं के बीच भाईचारे और सांस्कृतिक समन्वय को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इस संस्था का मुख्यालय धन्या, किलियनाडु, कालिकट में स्थित है, और इसके अध्यक्ष डॉ. आर. सु हैं, जो कालिकट विश्वविद्यालय के पूर्व हिंदी विभागाध्यक्ष हैं।

संस्था के महासचिव डॉ. ओ वासवन और कोषाध्यक्ष डॉ. पी. के. राधामणि की अगुवाई में भाषा समन्वय वेदी का उद्देश्य विभिन्न भारतीय भाषाओं के साहित्य को समर्पित करना और अनुवाद के माध्यम से भाषाई मैत्री को प्रोत्साहित करना है।

भाषा समन्वय वेदी ने अब तक 20 किताबें, कहानी संकलन, और अनुवाद प्रकाशित किए हैं। इस संग्रह में हिंदी और मलयालम के विशेषांक शामिल हैं, जिसमें विभिन्न भाषाओं की कहानियाँ जैसे कोंकिणी, तमिल, और असमिया का संकलन किया गया है। इसके अलावा, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, और झारखंड की कहानियाँ प्रकाशनाधीन हैं। संस्था हर महीने दो कार्यक्रम आयोजित करती है, जिसमें प्रमुख साहित्यकारों की जन्मतिथि और पुण्यतिथि के अवसर पर साहित्यिक गोष्ठियाँ होती हैं। गणतंत्र दिवस और स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में विशेष काव्योत्सव और अनुवाद शिविर भी आयोजित किए जाते हैं।
भाषा समन्वय वेदी के सदस्यों ने कई महत्वपूर्ण साहित्यिक पुरस्कार जीते हैं, जिनमें अक्कित्तम ज्ञानपीठ पुरस्कार भी शामिल है। संस्था के पूर्व कार्यक्रमों में भारतीय और विदेशी साहित्यकारों को आमंत्रित किया गया है, जैसे कमलेश्वर, निर्मल वर्मा, और प्रो. ग्लूपेनको सेरजी।
भाषा समन्वय वेदी में सदस्य बनने के इच्छुक लोग आजीवन सदस्यता के लिए रु 250.00 का योगदान कर सकते हैं। भाषा समन्वय वेदी का उद्देश्य सभी भाषाओं का एक मंच पर लाना और एक समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर की स्थापना करना है। यह संस्था साहित्य प्रेमियों के लिए एक प्रेरणादायक स्रोत बनकर उभरी है। भाषा समन्वय वेदी सांस्कृतिक समृद्धि की दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है, जिससे केरल की साहित्यिक दुनिया को नई दिशा मिल रही है।

Daily News Bulletin

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

Empowering Women in Indie Cinema at IFFI

A dynamic panel discussion titled “A Global India Through Independent Cinema: A Women’s Panel” at the International Film...

Union Minister Hails AcSIR as Innovation Hub

Addressing the 9th Convocation of the Academy of Scientific & Innovative Research (AcSIR), Union Minister of State (Independent...

This Day In History

1863: The Battle of Chattanooga commenced, marking a key engagement in the American Civil War. 1936: LIFE magazine released...

Today, Nov. 23, 2025 : National Espresso Day & National Cashew Day

Today is a day to celebrate some of life’s simple pleasures. National Espresso Day honors espresso, the concentrated...