आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के प्रतिनिधि मंडल ने हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के सचिव आशुतोष गर्ग को ज्ञापन सौंपा। अभाविप हिमाचल प्रदेश के प्रदेश मंत्री विशाल वर्मा ने कहा की कोरोना महामारी की वजह से शिक्षा का क्षेत्र बहुत अधिक प्रभावित हुआ है तथा युवाओं को कई प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा की तैयारी कर रहे हजारों युवा इस महामारी की वजह से अपनी तय आयु सीमा को पार कर चुके हैं। पिछले वर्ष 2020 में इस महामारी के कारण सभी शिक्षण संस्थानों के साथ साथ सभी पुस्तकालय भी बंद हो गए थे। वहीं शिक्षा सामग्री उपलब्ध ना हो पाने के कारण हजारों विद्यार्थी प्रशासनिक सेवा में उत्तीर्ण नहीं हो पाए और कोरोना महामारी ने उनसे अंतिम मौका भी छीन लिया। इस वर्ष भी अधिकतर समय कर्फ्यू लगने की वजह से छात्र बहुत ही कम समय प्रशासनिक परीक्षा की तैयारियां कर पाए हैं। विद्यार्थी परिषद ने प्रशासन से मांग की की प्रशासनिक परीक्षा की तैयारी कर रहे युवाओं को आयु सीमा में विशेष छूट दी जाए ताकि उनके भविष्य के साथ न्याय हो सके और वह अपने सपने को पूरा कर सकें।

पिछले वर्ष 22 नवंबर को प्रशासन द्वारा राज्य पात्रता परीक्षा (SET) करवाई जाती है परंतु इतना लंबा समय बीत जाने के बाद भी अभी तक उन छात्रों का परीक्षा परिणाम घोषित नहीं हुआ है।
वही हिमाचल प्रदेश के महाविद्यालयों में रिक्त पड़े शिक्षक पदों की बात की जाए तो आज प्रदेश के कालेजों में शिक्षकों की भारी कमी होने की वजह से शिक्षा की गुणवत्ता में गिरावट आ रही है।

युवाओं से संबधित इन मांगों को लेकर आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के सचिव को ज्ञापन सौंपा है। ज्ञापन के माध्यम से विद्यार्थी परिषद की तीन मुख्य मांगे इस प्रकार है:
1) हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के अंतर्गत सभी परीक्षाओं में निर्धारित आयु सीमा को बढ़ाया जाए।
2) पिछले वर्ष 22 नवंबर को हुई राज्य पात्रता परीक्षा के परिणाम को शीघ्र घोषित किया जाए।
3) प्रदेश के महाविद्यालयों में शिक्षकों के रिक्त पड़े पदों को शीघ्र भरा जाए।
हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग के सचिव आशुतोष गर्ग ने विद्यार्थी परिषद की इन सभी मांगों को विस्तार से सुनने समझने के बाद शीघ्र पूरा करने का आश्वासन दिया है।

इस प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश मंत्री विशाल वर्मा, प्रदेश महामंत्री विक्रांत चौहान, हिमाचल प्रदेश शोध कार्य संयोजक सुयश पवार, हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय शोध समिति के सदस्य गौरव दत्त उपस्थित रहे।

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