अतिरिक्त प्रधान मुख्य अरण्यपाल एवं मुख्य परियोजना निदेशक (जाइका वानिकी परियोजना), नागेश कुमार गुलेरिया ने आज सी.एस.आई.आर- हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान, पालमपुर का दौरा किया। इस मौके पर उन्होंने संस्थान के निदेशक, डॉ. सुदेश कुमार यादव से मुलाक़ात की और जड़ी बूटी प्रकोष्ठ द्वारा तैयार किए गए औषधीय पौधों के प्रसार मॉडलों को आई.एच. बी. टी. के सहयोग से परियोजना क्षेत्र में जमीनी स्तर पर सफलता पूर्वक उतारने के बारे में बातचीत की।
जाइका वानिकी परियोजना के मुख्य परियोजना निदेशक ने बताया कि ‘जड़ी बूटी प्रकोष्ठ’ द्वारा ग्राम वन विकास समितियों व जैव विविधता समितियों के माध्यम से जड़ी जड़ी बूटियों के पुनरुथान व संवर्धन की दिशा में अनेक कदम उठाए जा रहे हैं। यह प्रकोष्ठ ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोगों को वन भूमि और स्थानीय समुदाय की निजी भूमि में औषधीय पौधों की खेती करने हेतु मार्गदर्शन कर रहा है तथा तकनीकी जानकारी उपलब्ध करवा रहा है ताकि प्रदेश के हरित आवरण में वृद्धि के साथ – साथ इन लोगों की आजीविका में वृद्धि हो सके।
डॉ. सुदेश कुमार यादव ने जाइका वानिकी परियोजना द्व्रारा औषधियों पौधों की दिशा में किए जा रहे कार्यों में सी.एस.आई.आर- हिमालय जैवसंपदा प्रौद्योगिकी संस्थान के वैज्ञानिकों के माध्यम से हर सम्भव सहयोग का आश्वाशन दिया। इस अवसर पर वन विभाग के अन्य आला अधिकारी, संस्थान व परियोजना के कर्मचारी मौजूद रहे।
State Government And NDDB Collaborate For State-Of-The-Art Milk Processing Plant In Himachal Pradesh