स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ (कर्नल) धनी राम शांडिल ने आज रेलवे स्टेशन शिमला से हिमालय साहित्य संस्कृति एवं पर्यावरण मंच द्वारा आयोजित बाबा भलकू स्मृति कालका शिमला रेल राष्ट्रीय साहित्य यात्रा एवं संवाद 2023 का शुभारम्भ किया। उन्होंने कहा कि हिमालय साहित्य संस्कृति एवं पर्यावरण मंच द्वारा की गई यह पहल अत्यंत सराहनीय है जिनके प्रयासों से हिमालयन क्वीन एक्सप्रेस शिमला-कालका रेल में देश के अलग-अलग हिस्सों से आए लगभग 35 साहित्यकारों, पत्रकारों, लेखकों, रंग कर्मी एवं लोक गायक ने बाबा भलकू की स्मृति पर उन्हें चलती हुई रेल में याद किया। इस तरह का राष्ट्रीय आयोजन चलती हुई रेल में अपने आप में एक अनूठी पहल है।
डॉ धनी राम शांडिल ने कहा कि शिमला-कालका रेल का इतिहास बाबा भलकू के साथ जुड़ा है जिनके प्रयासों एवं सहयोग से ही इस रेल लाइन का कार्य पूर्ण हुआ है। उन्होंने कहा कि कंडाघाट में कंडाघाट से बाबा भलकू के पुश्तैनी गांव की और जाने वाली सड़क पर उनकी स्मृति में बाबा भलकू द्वार की स्थापना की जा रही है। इसी तर्ज पर उनकी स्मृति पर समय-समय पर अलग-अलग प्रकार की संगोष्ठी एवं आयोजन किये जा रहे हैं। उन्होंने कहा की यह साहित्य यात्रा शिमला रेलवे स्टेशन से बड़ोग रेलवे स्टेशन तक और वहां से वापस शिमला रेलवे स्टेशन आएगी। चलती रेल में कहानी, संस्मरण, कविता, गजल, संगीत के कई सत्र रेलवे स्टेशनों के नाम से संपन्न होंगे। सभी लेखक दूसरे दिन बस से बाबा भलकू के पुश्तैनी गांव और घर जाएंगे।
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री ने कहा कि भारतीय रेलवे हम सब भारतवासियों की संस्कृति, सभ्यता, भाईचारा, समरसता एवं अखंडता लाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। उन्होंने रेलवे को भारतीय सेना के साथ जोड़ने की बात भी कही। उन्होंने कहा कि जैसे भारतीय सेना को अनुशासन एवं समय के लिए जाना जाता है उसी तर्ज पर भारतीय रेलवे भी अपने दायित्व का निर्वहन कर रहा है। इस अवसर पर स्वास्थ्य मंत्री ने देश के अलग-अलग हिस्सों से आए साहित्यकारों को सम्मानित किया तथा उनके द्वारा लिखी गई पुस्तकों का विमोचन भी किया। स्वास्थ्य मंत्री ने साहित्यकारों के साथ उनकी साहित्य यात्रा में शिमला रेलवे स्टेशन से समरहिल स्टेशन तक का सफर तय किया। इस अवसर पर अध्यक्ष एवं संयोजक एस आर हरनोट, शिमला रेलवे स्टेशन अधीक्षक संजय गेरा सहित अन्य साहित्यकार एवं अधिकारीगण उपस्थित रहे।