ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने आज कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र में करोड़ों रुपये की लागत से बनने वाली सड़क और भवन निर्माण परियोजनाओं का शिलान्यास एवं उद्घाटन किया। इस दौरान उन्होंने विभिन्न पंचायतों का दौरा किया, स्थानीय लोगों की समस्याएं सुनीं और उनके शीघ्र समाधान का आश्वासन दिया।
मंत्री ने 30 लाख रुपए की लागत से बनने वाली पटगेहर-धार सड़क का शिलान्यास करते हुए कहा कि सड़क का टेंडर पहले ही अवार्ड हो चुका है और कार्य जल्द शुरू होगा। उन्होंने बताया कि विधायक बनने से पहले इस क्षेत्र में सड़क की सुविधा नहीं थी और 2012 में पटगेहर सड़क को विधायक प्राथमिकता में शामिल किया गया था। अब उनका प्रयास हर गांव और हर घर को सड़क से जोड़ने का है।
उन्होंने जनता से अपील की कि सड़क निर्माण के लिए ज़मीन की एनओसी (No Objection Certificate) ज़रूरी है, और इसे मिलते ही सड़क का काम पूरा किया जाएगा। पटगेहर पंचायत में अब तक 28.5 लाख रुपए की लागत से अन्य विकास कार्य करवाए गए हैं। मंत्री ने पशु चिकित्सालय को फिर से शुरू करने का भी आश्वासन दिया और सरकारी प्राथमिक विद्यालय के पुराने असुरक्षित भवन को गिराकर नया भवन बनाने की घोषणा की।
अनिरुद्ध सिंह ने भरांडी (पदेची) पंचायत भवन का लोकार्पण किया, जिसे 88 लाख रुपए की लागत से तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि कसुम्पटी विधानसभा क्षेत्र में 18 करोड़ रुपए की लागत से पंचायत भवनों का निर्माण कार्य चल रहा है, जहां हर भवन पर औसतन 1.14 करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं।
इस अवसर पर उन्होंने भवन निर्माण में भूमि दान करने वाले स्थानीय लोगों को सम्मानित किया और पंचायत के अन्य विकास कार्यों के लिए 68 लाख रुपए स्वीकृत करने की जानकारी दी।
मंत्री ने भरांडी पंचायत में कोटि रोगी-जुब्बड सड़क के उन्नयन और मेटलिंग कार्य का शिलान्यास किया, जिसकी लागत 50 लाख रुपए बताई गई। उन्होंने कहा कि विधानसभा क्षेत्र में करीब 150 करोड़ रुपए की लागत से सड़कों का कायाकल्प किया जा रहा है, जिससे क्षेत्रीय संपर्क और आधारभूत सुविधाएं मजबूत होंगी।
उन्होंने मुख्य सड़क से स्कूल और पंचायत भवन तक 10 लाख रुपए की लागत से पक्का रास्ता बनाने और पंचायत भवन में फर्नीचर के लिए 2 लाख रुपए देने की घोषणा की। साथ ही, अन्य स्थानीय मांगों के लिए भी बजट व्यवस्था का आश्वासन दिया।
मेहली पंचायत में मंत्री ने गुसान से बचटेडी सड़क का शिलान्यास किया, जिसकी लागत 25 लाख रुपए है। उन्होंने स्थानीय निवासियों से संवाद कर उनकी समस्याओं को सुना और समाधान का आश्वासन दिया।