25 वर्षों से संगीत और कला की साधना में समर्पित केतन म्यूज़िक अकैडमी की रजत जयंती समारोह का आयोजन आज शिमला के ऐतिहासिक गेयटी थियेटर के बहुउद्देशीय सभागार में किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता उपायुक्त शिमला अनुपम कश्यप ने की।
इस अवसर पर उन्होंने कहा कि विभिन्न कलाओं में पारंगत साधकों की प्रतिभा भविष्य में कलाजगत में नए प्रतिमान स्थापित करने में सक्षम होती है। उन्होंने अकैडमी को 25 वर्षों की निरंतर कला साधना के लिए बधाई दी और बताया कि यहां 7 से 70 वर्ष की आयु तक के कलाकार संगीत की विभिन्न विधाओं में निपुणता हासिल कर रहे हैं।
कार्यक्रम में प्रदेश के ख्यातिप्राप्त कलाकारों को विशिष्ट कला सम्मान और कला निधि सम्मान से नवाजा गया।
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विशिष्ट कला सम्मान प्राप्त करने वालों में पं. सुंदरलाल गंधर्व (बांसुरी), कृष्ण कालिया (लोक गायन व रेडियो प्रस्तोता), प्रवीण चंदला (नाटक), और पं. कश्मीरी लाल (तबला वादन) शामिल रहे।
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कला निधि सम्मान से हरिदत्त शर्मा (बांसुरी), पूनम शर्मा (नृत्य), आनंद किशोर (गिटार), डॉ. हेमराज चंदेल (शास्त्रीय गायन), व कृष्ण वर्मा (लोक गायन) को सम्मानित किया गया।
मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. सुषमा कौशल, प्रो. रामस्वरूप शांडिल, मदन ठाकुर, रंगकर्मी संजय सूद, और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे। मंच संचालन दिशा और भूपेंद्र ने किया।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में विविध रंग:
कार्यक्रम की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई, इसके बाद कबीरदास का भजन, बसंत गीत, और पियानो, गिटार व तबला की उत्कृष्ट प्रस्तुतियाँ हुईं।
सात वर्षीय एकाग्रता द्वारा प्रस्तुत गीत “दिल है छोटा सा…” को दर्शकों ने सबसे अधिक सराहा।
क्लासिकल प्रस्तुतियों में केतन, आनकी, रिद्धिमा, स्मृति और रमा सिंह ने दर्शकों को मंत्रमुग्ध किया।
कार्यक्रम का समापन इंदिरा शर्मा द्वारा हिमाचली झुर्री गायन की सुंदर प्रस्तुति से हुआ।
संगीत निर्देशन एवं स्वर रचना का कार्य अकैडमी के प्रिंसिपल और अध्यक्ष मनोज तोमर ने किया।