January 31, 2025

लेखिका उमा ठाकुर: हिमाचली भाषा एवं संस्कृति का संरक्षण एवं संवर्धन

Date:

Share post:

लेखिका उमा ठाकुर: हिमाचली भाषा एवं संस्कृति का संरक्षण एवं संवर्धन
लेखिका उमा ठाकुर: हिमाचली भाषा एवं संस्कृति का संरक्षण एवं संवर्धन

लेखिका उमा ठाकुर नद्यैक मूलतः पैतृक गाँव कोफनी ‘मैलन’ कोटगढ़, तहसील कुमारसैन, ज़िला शिमला की रहने वाली है और वर्तमान में कोष लेखा एवं लाट्रीज विभाग में अपनी सेवाए दे रही है। इन्होने स्नातकोत्तर (अंग्रेज़ी, इतिहास, पत्रकारिता एवं जनसंचार), पोस्ट ग्रैजुएट डिप्लोमा पत्रकारिता, सर्टिफिकेट कोर्स रेडियो लेखन, वाणी कोर्स प्रसार भारती किया है और पत्रकारिता में पी.एच-डी कर रही है।

साहित्य में योगदान के लिए विभिन्न सरकारी व गैर सरकारी संस्था द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है। अब तक इनके तीन पुस्तके और 6 साझा संग्रह प्रकाशित हो चुके है। महासुवी लोक संस्कृति शोध पुस्तक वर्ष 2019, नवल किरण कविता संग्रह वर्ष 2021, हिमाचली भाषा रे मणके पुस्तक का प्रकाशित व संपादित पुस्तक वर्ष 2023 में प्रकाशित हुई है। इसके अलावा विभिऩ्न समाचार पत्रों एवं साहित्यिक पत्र-पत्रिकाओं में शोधपत्र, आलेख, कविताएं एवं यात्रा संस्मरण प्रकाशित हो चुके है।

आकाशवाणी शिमला से वर्ष 2016 में ‘म्हारा महासू’ पहाड़ी नाटक की तेरह कड़ियों का प्रसारण,आकाशवाणी शिमला में नैमितिक उदघोषक, कविता, वार्ता, परिचर्चा, साहित्य दर्पण, युववाणी व महिला सम्मेलन कार्यक्रम का संचालन किया है। हिमाचली भाषा, लोक साहित्य व लोक संस्कृति का प्रचार प्रसार,वेबसाइट, हिमवाणी फेसबुक पेज,हिमालयन ग्लोबल विलेज यू-टयूब व्लॉग व हिमवाणी यू-टयूब चैनल चला रही है I हिमाचली भाषा व लोक संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन हेतु कार्य में सक्रीय भागीदारी निभा रही है।

अपनी लेखनी व फ़ेसबुक पेज और यूटयूब के माध्यम से हिमाचली भाषा व लोक साहित्य,संस्कृति को आम जनमानस़,बुधि्जीवियों व साहित्यकारों के सहयोग से गाँव की मुँडेर से विश्व पटल तक पहुंचाने का दृढ़ संकल्प लिया है । हिमवाणी फेसबुक पेज पर हिमाचली भाषा के 565 ऐपिसोड पूरे हो चुके है। इन्होने हिमाचली भाषा रे मणके पुस्तक का प्रकाशन व संपादन बिना किसी कवि व संस्था के आर्थिक सहयोग के किया है । इस पुस्तक मे हिमाचल प्रदेश के प्रत्येक जिला के 30-कवियो की पहाडी रचना को शामिल किया है।

उनका कहना है कि परिवार और आफिस की जिम्मेदारी के पश्चात जो भी वक्त मिलता है वह साहित्य के माध्यम से समाज को समर्पित करना चाहती हू,मेरा लिखा एक भी शब्द समाज को खासकर युवावर्ग को प्रेरणा देता है तो मै समझूगी कि मेरा लेखन सार्थक हो गया। उनका सपना भविष्य में हिमाचल के अन्य साहित्यकारों के सहयोग से हिमाचली भाषा को संविधान की आठंवी अनुसूचि मे जगह दिलाने का है और हिमाचली भाषा व लोक साहित्य,संस्कृति को गाँव की मुँडेर से विश्व पटल तक पहुंचाने का है।

Auckland House School For Boys Hosts Thrilling Inter-House English Dramatics Competition

Daily News Bulletin

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

Related articles

Telangana Eyes 520 MW Mega Projects in Himachal

Deputy Chief Minister of Telangana, Mallu Bhatti Vikramarka called on Chief Minister Thakur Sukhvinder Singh Sukhu at New...

रिज मैदान पर गूंजे भजन और राम धुन, शहीदों की याद में 2 मिनट का मौन

राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के पुण्यतिथि के अवसर पर रिज मैदान स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर अध्यक्ष हिमाचल...

TB-Free India Mission: SJVN Leads the Charge with Ni-Kshay Pledge

SJVN has reaffirmed its dedication to India’s mission of eliminating tuberculosis (TB) by actively participating in the 100...

उमंग फाउंडेशन 1 फरवरी को लगाएगा रक्तदान शिविर

इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ब्लड बैंक में खून की भारी कमी के मद्देनजर उमंग फाउंडेशन रिज...