मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खु के आह्वान पर प्रदेशभर में एंटी-चिट्टा वॉकथॉन के तहत शुक्रवार को अनेक स्थानों पर रैलियों और जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इसी क्रम में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला दाड़गी, मशोबरा और जलोग में मिनी मैराथन आयोजित की गई, जिसमें छात्रों और स्थानीय लोगों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।
उपायुक्त अनुपम कश्यप ने बताया कि प्रदेश सरकार ने नशे के खिलाफ एक व्यापक जन आन्दोलन शुरू किया है और जिला शिमला को चिट्टा मुक्त जिला बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी एसडीएम को अपने-अपने क्षेत्रों में मिनी मैराथन एवं रैलियों के आयोजन के निर्देश दिए गए हैं। इन रैलियों में प्रतिभागियों को नशे के खिलाफ शपथ भी दिलाई जा रही है तथा सामाजिक संस्थाओं, जन प्रतिनिधियों और विभिन्न हितधारकों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है।
उपायुक्त ने कहा कि सरकार नशे के खिलाफ सख्त कदम उठा रही है, लेकिन इस लड़ाई में समाज के सभी वर्गों की सहभागिता अनिवार्य है। चिट्टा के विरुद्ध जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई गई है और जल्द ही प्रदेश में 100 एंटी-चिट्टा वालंटियर्स की भर्ती की जाएगी, जिन्हें प्रोत्साहन राशि भी प्रदान की जाएगी। उन्होंने चिट्टे को एक “जहर” नहीं बल्कि प्रदेश की आत्मा पर हमला बताते हुए कहा कि यह युवाओं के सपने, परिवारों की खुशियां और समाज का संतुलन तार-तार कर रहा है तथा प्रदेश में अपराध दर बढ़ा रहा है।





