हिमाचल प्रदेश की समृद्ध लोक-संस्कृति में एक और अनमोल योगदान देते हुए, प्रसिद्ध नाटी किंग कुलदीप शर्मा ने “मेरी साहिबुए” लोकगीत का विमोचन किया। यह गीत हिमाचल की पारंपरिक धुन और आधुनिक संगीत का सुंदर संगम प्रस्तुत करता है।
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गीत “मेरी साहिबुए” की खासियतें
- गायन: डॉ. मनोज गंधर्व
- लिरिक्स और धुन: बबलू बॉबी
- संगीत: राजीव नेगी
- डायरेक्टर और वीडियोग्राफी: मनी चौधरी
यह गाना न केवल अपनी भावपूर्ण प्रस्तुति के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसमें हिमाचली संस्कृति की झलक भी मिलती है।
डॉ. मनोज गंधर्व और उनके परिवार की उपस्थिति
इस आयोजन में डॉ. मनोज गंधर्व के माता-पिता की उपस्थिति ने इस अवसर को और भी खास बना दिया। “मेरी साहिबुए” गीत में डॉ. मनोज गंधर्व की धर्मपत्नी डिंपल गंधर्व ने एक मॉडल के रूप में भूमिका निभाई है।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि
इस विमोचन कार्यक्रम में विवेक कौशल और नीलम कुमार भी उपस्थित रहे। कुलदीप शर्मा ने डॉ. मनोज गंधर्व के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि यह गीत हिमाचल के लोगों को अवश्य पसंद आएगा। साथ ही, उन्होंने डॉ. मनोज गंधर्व को उनके सुनहरे भविष्य के लिए शुभकामनाएं दीं।
“मेरी साहिबुए” लोकगीत की खासियत
- हिमाचली धुनों और आधुनिक संगीत का मेल।
- गाने में पारंपरिक भावनाओं की अभिव्यक्ति।
- गायक और मॉडल की प्रभावशाली प्रस्तुति।
इस गीत से हिमाचल को क्या उम्मीदें हैं?
“मेरी साहिबुए” न केवल एक गीत है, बल्कि यह हिमाचल की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देने का एक प्रयास भी है। गायक और कलाकारों की मेहनत से यह गीत न केवल हिमाचल बल्कि देशभर में लोकप्रिय होने की क्षमता रखता है।