कीकली रिपोर्टर, 18 मार्च, 2019, शिमला
प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस वसूली में आर्थिक राहत की मांग को लेकर एक ओर जहाँ छात्र-अभिभावक मंच आंदोलन तेजी पकड़ता जा रहा है तो वहीँ दूसरी ओर राजधानी के स्कूल, सत्र शुरू होते ही वार्षिक लक्ष्य की ओर बढ़ चले हैं ।

संजौली स्थित मोनाल पब्लिक स्कूल डायरेक्टर प्रिंसिपल संगीता शर्मा ने विद्यार्थियों में सेल्फ एक्सप्रेशन की ख़ूबी उभारने को मोनाल का मुख्य लक्ष्य करार दिया है । डायरेक्टर प्रिंसिपल ने कीकली से बात करते हुए कहा कि बच्चों में रटने की आदत एक बड़ी मुश्किल के रूप में उभर कर सामने आई है और बच्चों की रोट लर्निंग की इस आदत को आहिस्ता-आहिस्ता खत्म किया जाना आवश्यक है । डायरेक्टर प्रिंसिपल के अनुसार चहुँमुखी विकास के लिए बच्चों में अपने आपको व्यक्त करने का हुनर बढ़ना चाहिए । संगीता शर्मा ने कहा कि रटने की आदत के चलते बच्चे रटे गए विषय को थोड़े समय के लिए ही याद रख पाते हैं और इसके निदान के लिए मोनाल स्कूल बच्चों में अभिव्यक्ति के गुण विकसित किये जाने की ओर बढ़ा है ताकि बच्चे जो एक क्लास में पढ़ें वो उसे आगे जाकर भूल न जाएं ।
निजी स्कूलों द्वारा फीस पर जारी मनमानी के सवाल पर डायरेक्टर प्रिंसिपल ने कीकली से बात करते हुए इसे एक जटिल मुद्दा बताते हुए कहा कि प्रत्येक स्कूल का अपना एक लैवल होता है और स्कूल वर्किंग कौस्ट व् प्रदान की जाने वाली सुविधाओं के हिसाब से ही फीस स्ट्रक्चर तय करते हैं, इसके मद्देनजर थोड़ा बहुत फीस एन्हांसमेंट को जायज कहा जा सकता है । प्रधानाचार्या ने कहा कि किसी ऑर्गेंनाइजेशन का बिना फायनांस चलना असम्भव है लेकिन इस दिशा में रैगुलेशन का होना भी आवश्यक है ।
उधर छात्र अभिभावक मंच लगातार उच्चतम न्यायालय, प्रदेश उच्च न्यायालय, केंद्र और राज्य सरकार के आदेशों को लागू करने की मांग उठाए हुए है ।
