हिमाचल प्रदेश सरकार के उद्योग विभाग द्वारा हमीरपुर जिला में एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम) पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने के उद्देश्य से जागरूकता कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस पहल का लक्ष्य राज्य में प्रतिस्पर्धात्मकता को बढ़ावा, सतत औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करना तथा सरकारी योजनाओं के माध्यम से उद्यमिता विकास को सशक्त करना रहा।
कार्यशाला के मुख्य अतिथि नगर निगम हमीरपुर के आयुक्त राकेश कुमार शर्मा ने अपने संबोधन में क्लस्टर आधारित विकास मॉडल और सस्टेनेबल इंडस्ट्रियल प्रैक्टिसेस की अहमियत पर जोर देते हुए कहा, “एमएसएमई को संगठित करने की केंद्र सरकार की पहल राज्य में औद्योगिक मजबूती और स्थानीय रोजगार के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हो रही है।”
इस कार्यशाला में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने भाग लिया। जिला उद्योग केंद्र हमीरपुर की टीम ने उपस्थित उद्यमियों को MSE-CDP, MSME ग्रीनिंग इनिशिएटिव्स, RAMP योजना, सर्कुलर इकोनॉमी मॉडल, और स्पाइस एवं गिफ्ट योजनाओं के बारे में जानकारी दी।
विशेषज्ञों ने उत्पादकता में वृद्धि, संसाधन दक्षता, और दीर्घकालिक व्यापार स्थिरता सुनिश्चित करने के उपायों पर भी चर्चा की।
कार्यशाला में सरकारी और निजी क्षेत्र की सहभागिता, ज्ञान-साझाकरण, और नीति क्रियान्वयन में पारदर्शिता पर भी जोर दिया गया।
उद्योग विभाग ने पुनः आश्वस्त किया कि वह MSME क्षेत्र को सशक्त बनाने हेतु ऐसे प्रयासों को निरंतर जारी रखेगा और हिमाचल प्रदेश को नवाचार और समावेशी औद्योगिक विकास की ओर अग्रसर करेगा।