मुख्यमंत्री सुक्खू ने आज मंडी जिला के आपदा प्रभावित थुनाग और जंजैहली क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण कर स्थिति का जायज़ा लिया और प्रभावित लोगों को राहत सामग्री स्वयं वितरित की। वे सेना के हेलीकॉप्टर से सरकाघाट से थुनाग के रैन गलू हैलीपैड पहुंचे, जहां उन्होंने स्थानीय लोगों से मिलकर उनकी समस्याएं सुनीं और हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया।
मुख्यमंत्री ने बताया कि थुनाग क्षेत्र का सड़क संपर्क पूरी तरह कट चुका है और खाद्य सामग्री की भारी कमी है। इस आपात स्थिति को देखते हुए उन्होंने जिला प्रशासन को राहत सामग्री तुरंत हवाई मार्ग से पहुंचाने के निर्देश दिए। खराब मौसम के चलते उनकी उड़ान में केवल पाँच मिनट की देरी होती, तो वे रैन गलू में फंस सकते थे।
थुनाग और जंजैहली में बादल फटने की घटनाओं से सड़कें अवरुद्ध हैं, ऐसे में हवाई राहत कार्य शुरू किया गया है। आज की कार्रवाई के तहत कुल 172 राहत किटें वितरित की गईं—90 किटें रैन गलू और 82 किटें जंजैहली क्षेत्र में। इन किटों में आटा, चावल, दाल, तेल, नमक और अन्य आवश्यक वस्तुएं शामिल थीं।
इसके अतिरिक्त, थुनाग उप-मंडल में संचार व्यवस्था बहाल करने हेतु एक वी-सैट संचार पोर्टल भी पुलिस कर्मियों के साथ भेजा गया, जिससे प्रभावित क्षेत्रों के साथ संपर्क स्थापित किया जा सके।
स्थानीय प्रशासन द्वारा राहत शिविर संचालित किए जा रहे हैं, जिनमें एक शिविर सरकारी प्राथमिक विद्यालय, थुनाग में लगाया गया है, जहां 200 से अधिक लोग शरण लिए हुए हैं। उन्हें भोजन, दवाइयां और अन्य आवश्यक सेवाएं दी जा रही हैं।
इससे पहले मुख्यमंत्री सुबह 9 बजे नादौन से प्रस्थान कर सड़क मार्ग से धर्मपुर (जिला मंडी) पहुंचे और वहां भी आपदा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया। इसके बाद सरकाघाट में बारिश से प्रभावित इलाकों का जायज़ा लेकर लोगों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।