मुख्यमंत्री सुक्खू ने मंडी जिले के निहरी क्षेत्र में सोमवार रात भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन में तीन लोगों की मृत्यु पर गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने दिवंगत आत्माओं की शांति और शोक संतप्त परिवारों को इस दुखद क्षति को सहन करने की शक्ति प्रदान करने की प्रार्थना की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार इस कठिन समय में प्रभावित परिवारों के साथ खड़ी है। उन्होंने जिला प्रशासन को मृतकों के परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान करने के निर्देश दिए हैं। साथ ही, सभी उपायुक्तों से आपदा प्रभावित क्षेत्रों की स्थिति की जानकारी लेकर आवश्यक और त्वरित कदम उठाने को कहा है।
उन्होंने असुरक्षित भवनों में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित करने, क्षतिग्रस्त सड़कों और जलापूर्ति योजनाओं को प्राथमिकता पर बहाल करने, तथा आवश्यक वस्तुएं उपलब्ध करवाने के भी निर्देश दिए।
राज्य सचिवालय में मीडिया से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि केंद्रीय मंत्री केवल राजनीतिक लाभ के लिए प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं, लेकिन राहत पैकेज की घोषणा नहीं कर रहे। उन्होंने भाजपा नेताओं से आग्रह किया कि वे प्रधानमंत्री से हिमाचल के लिए विशेष वित्तीय सहायता की मांग करें।
मुख्यमंत्री ने जानकारी दी कि वर्ष 2023 में केंद्र द्वारा घोषित 1500 करोड़ रुपये के पीडीएनए में से अब तक केवल 400 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं। इस वर्ष की आपदा 2023 से भी अधिक विनाशकारी साबित हुई है, जिससे अब तक राज्य को तीन वर्षों में करीब 20,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा कि आपदाओं से जानमाल की भारी क्षति हुई है, जो जलवायु परिवर्तन के प्रतिकूल प्रभावों की गंभीर चेतावनी है। सरकार के मंत्री और प्रशासनिक अधिकारी लगातार राहत और पुनर्वास कार्यों की निगरानी कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि उप-मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मंडी के धर्मपुर क्षेत्र का दौरा किया है और रिपोर्ट दी है कि केवल HRTC को ही 6 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ है।




