भीम सिंह, गांव देहरा हटवाड़, जिला बिलासपुर, हिमाचल प्रदेश ।
धूआं-धूआं हो रहा जीवन
आजकल नौजवानों का
गला घोंट दिया है नशे ने
मां-बाप के अरमानों का।
घर से बच्चे पढ़ने जाते
जब शिक्षण संस्थानों में
भोला बचपन फंस जाता
नशे के फैले कारखानों में।
हर तरह के हथ्थकण्डे
नशे के सौदागर अपनाते हैं
जिन्हें हमारे भोले-भाले बच्चे
अज्ञानतावश समझ नहीं पाते हैं ।
नशे की गिरफ्त में आई जवानी
करती घर, समाज, देश की हानि
नशा एक खतरनाक बिमारी
कहती थी हमारी दादी-नानी।
नशा है इक धीमा जहर
जीवन में जो ढहाता कहर
यह कारोबार फैला है हर जगह
गांव हो या कोई शहर
नशे ने कितने घर उजाड़े
कितने लोग बेमौत मारे
नशे से दूर हम सबको है रहना
आओ प्रण करे मिलकर हम
सारे।