हिमाचल प्रदेश सरकार ने निजी स्कूलों में 25% आरक्षण लागू करने के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं। आरटीई अधिनियम, 2009 के तहत आर्थिक और सामाजिक रूप से पिछड़े वर्गों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है।
सभी निजी स्कूलों को आरक्षण का पालन करना अनिवार्य
प्रारंभिक शिक्षा विभाग के प्रवक्ता ने बताया कि हाई कोर्ट के आदेशानुसार सभी निजी स्कूलों को अपनी सूचना पट्टिका, मुख्य द्वार और सार्वजनिक स्थानों पर प्रवेश अधिसूचना प्रदर्शित करनी होगी। स्कूल किसी भी पात्र बच्चे को प्रवेश देने से इनकार नहीं कर सकते, और यदि आवेदन आरक्षित सीटों से अधिक होते हैं, तो प्रवेश लॉटरी प्रणाली के माध्यम से किया जाएगा।
सरकार देगी फीस की प्रतिपूर्ति
सरकार निजी स्कूलों को शुल्क प्रतिपूर्ति करेगी, जो या तो ट्यूशन फीस या सरकारी स्कूलों में प्रति छात्र खर्च से कम होगी। यह प्रयास वंचित वर्गों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने और सामाजिक समावेशन को बढ़ावा देने के लिए किया गया है।
पारदर्शिता और आवेदन प्रक्रिया
- स्कूलों को 25% सीटें आरक्षित करनी होंगी।
- प्रवेश प्रक्रिया शुरू होने से 30 दिन पहले आवेदन स्वीकार किए जाएंगे।
- अधिक आवेदन होने पर लॉटरी सिस्टम लागू होगा।
- अधिक जानकारी के लिए अभिभावक ब्लॉक प्राथमिक शिक्षा अधिकारी, जिला प्राथमिक शिक्षा कार्यालय, या निदेशक प्रारंभिक शिक्षा, शिमला से संपर्क कर सकते हैं।
📞 संपर्क: 0177-2658044, 2812464
📧 ईमेल: eleedu-hp@gov.in