लोक निर्माण, युवा सेवाएं एवं खेल मामले मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार का प्रयास रहेगा कि पाइलट प्रोजेक्ट के रूप में हर जिले को किसी न किसी एक परटिकुलर स्पोर्ट्स में विकसित किया जाए। हिमाचल में जो लीडिंग परस्नेलटी हैं उनसे एक-एक खेल को गोद लेने का आग्रह किया जाएगा और उनको सरकार की तरफ से पूरा सहयोग उपलब्ध करवाया जाएगा। खिलाड़ियों को खेलने की सारी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएगी ताकि खिलाड़ी राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिमाचल प्रदेश का नाम रोशन कर सकें।
विक्रमादित्य सिंह आज राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला, शोघी में आयोजित 20वीं अखिल भारतीय डॉ यशवंत सिंह परमार मेमोरियल वॉलीबॉल प्रतियोगिता के शुभारम्भ अवसर पर लोगों को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि वर्तमान प्रदेश सरकार का उद्देश्य युवाओं की रूचि, जो खेलों में कम हुई है, उसे फिर से बढाना है। वॉलीबॉल ही नहीं बल्कि जिन खेलों में शारीरिक व मानसिक विकास हो उन खेलों को भी प्रदेश सरकार बढ़ावा देगी। उन्होंने कहा कि खेलों के लिए स्वस्थ दिमाग व स्वस्थ शरीर दोनों अति आवश्यक हैं। सरकार का प्रयास है कि अच्छी खेल-कूद प्रतियोगिताएं प्रदेश के कोने-कोने में करवाई जाए तथा अच्छा ढ़ाचा भी तैयार किया जाए।
हिमाचल के युवा जो खेलों में हिमाचल का नाम रोशन कर रहे हैं। वैसे ही खेल सुविधा में हिमाचल का नाम रोशन करें। हमारा प्रयास है कि आने वाले समय में प्रदेश के कोने-कोने में खेलों को बढ़ावा देना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में स्पोर्ट्स स्टेडियम भी बनाए जा रहे हैं उनमें सभी प्रकार की सुविधाएं देना भी उनका लक्ष्य है। कटासनी के स्टेडियम को भी अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की शूटिंग रेंज के रूप में विकसित किया जा रहा है। राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय स्तर की शूटिंग रेंज 40 करोड़ रूपये की लागत से बन कर तैयार होगी।
युवा मामले एवं खेल मंत्री ने बताया कि प्रदेश में 20 खेल स्टेडियमों का निर्माण कार्य प्रगति पर है जिसे निकट भविष्य में पूरा कर लिया जाएगा और इसके अतिरिक्त विभाग द्वारा प्रदेश में उच्च स्तरीय खेल संरचना ढांचा बनाने के लिए वर्तमान वित्तीय वर्ष 2023-24 में विभाग द्वारा 3,021 लाख रूपये की राशि व्यय की जायेगी। उन्होंने बताया कि मुख्यमन्त्री युवा खेल प्रोत्साहन योजना वर्ष 2020-21 में शुरू की गई है तथा इस योजना के अन्तर्गत 1600 लाख रूपये की लागत से प्रत्येक विधान सभा क्षेत्र में एक-एक खेल मैदान का निर्माण किया जा रहा है जिसके लिए इस वित्त वर्ष में विभाग द्वारा 1,020 लाख रुपये व्यय किये जायेंगे।
भारत सरकार की खेलो इण्डिया योजना के अंतर्गत प्रदेश के सुन्दरनगर, ठोड़ों मैदान सोलन, बंगाणा ऊना में इण्डोर स्टेडियम, परागपुर में बाउदेशीय हॉल तथा नूरपुर ने एथलेटिक्स ट्रैक व सिरमौर के माजरा में हॉकी एस्ट्रोटर्फ मैदान निर्मित किये जाने हेतु 3,050 लाख रुपये के प्रस्तावों की युवा मामले एवं खेल मन्त्रालय भारत सरकार से सैद्धांतिक अनुमोदन की स्वीकृति प्राप्त हो गई है जिसमें से भारत सरकार युवा मामले एवं खेल मन्त्रालय से 675 लाख रूपये की किश्त प्राप्त हो चुकी है इन खेल ढांचों का निर्माण कार्य आरम्भ कर दिया गया है।
विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि 03 प्रतिशत खेल आरक्षण के अन्तर्गत विभाग द्वारा 802 उत्कृष्ट खिलाड़ियों को सरकारी नौकरियों में विभिन्न विभागों, बोडों एवं निगमों में रोजगार उपलब्ध करवाया गया है।
इसके अतिरिक्त, वर्ष 2022-23 में खेलो इंडिया योजना के अधीन प्रत्येक जिला में खेलो इण्डिया सेंटर खोले गये हैं जिसमें लड़के व लड़कियों को प्रशिक्षण प्रदान किया जा रहा है जिसके लिए प्रत्येक सेंटर में एक प्रशिक्षक नियुक्त किया गया है। इसके अतिरिक्त, खेलो इण्डिया उत्कृष्टता केन्द्र बिलासपुर को 20अप्रैल 2023 से क्रियाशील कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि शोघी में आयोजित इस प्रतियोगिता मे आठ टीमों के लगभग 98 खिलाड़ी भाग ले रहे हैं, जिसमें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, गुजरात, भारतीय रेलवे, भारतीय सेना, भारतीय नौ सेना, हिमाचल प्रदेश की टीमें भाग ले रही हैं।
प्रतियोगिता मे प्रथम पुरस्कार 2 लाख रुपए, द्वितीय पुरस्कार 1 लाख रुपए व तृतीय पुरस्कार 75 हजार रुपए रखा गया है। इस अवसर पर निदेशक खेल विभाग राजीव कुमार, जिला युवा मामले एवं खेल अधिकारी अनुराग वर्मा, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष गोपाल शर्मा व बी0डी0सी0 सदस्य राम कृष्ण, रा0वृ0मा0पा0 शोघी की प्रधानाचार्य अंकिता गुप्ता, देवेन्द्र शर्मा, ललित शर्मा, प्रमोद शर्मा, श्रीकांत भारद्वाज, रीता भारद्वाज, सुनीता ठाकुर व प्रधान शोघी पार्वती शर्मा व जलेल पंचायत की प्रधान अंजना रोहाल व अन्य गणमान्य लोग उपस्थित थे। हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा प्रदेश के युवाओं के राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका को मध्यनजर रखते हुए हिमाचल प्रदेश स्वर्णिम जयन्ती खेल नीति 2021 अधिसूचित कर दी गई है।
सभी 2102 केंद्रीय प्राथमिक पाठशालाओं में उपलब्ध होंगे स्मार्ट क्लास रूम – रोहित ठाकुर